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उत्तराखंड माइनॉरिटी एजुकेशन बिल पारित होना ऐतिहासिक: चीमा

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उत्तराखंड माइनॉरिटी एजुकेशन बिल पारित होना ऐतिहासिक: चीमा

उत्तराखंड माइनॉरिटी एजुकेशन बिल पारित होना ऐतिहासिक: चीमा
उत्तराखंड माइनॉरिटी एजुकेशन बिल पारित होना ऐतिहासिक: चीमा

काशीपुर। भराड़ीसैंण में आयोजित उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र में भाग लेकर लौटे भाजपा विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने आज यहां रामनगर रोड स्थित अपने कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर विपक्षी विधायकों के आचरण पर चिंता जताते हुए सत्र के दौरान पारित विधेयकों की जानकारी दी।
चीमा ने बताया कि मानसून सत्र में उन्होंने ‘उत्तराखंड माइनॉरिटी एजुकेशन बिल 2025’ सदन में प्रस्तुत किया, जिसे विधानसभा ने पारित कर ऐतिहासिक निर्णय लिया। इस बिल का उद्देश्य राज्य के सभी अल्पसंख्यक समुदायों-मुस्लिम, सिख, जैन, ईसाई, बौ( और पारसी से संबंधित शिक्षा संस्थानों को समान अधिकार, व्यवस्थित पहचान और पारदर्शी निगरानी प्रदान करना है। इसके तहत उत्तराखंड स्टेट माइनॉरिटी एजुकेशन अथॉरिटी का गठन होगा, जो संस्थानों की निगरानी करेगी। सभी संस्थानों का पंजीकरण सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट या कंपनीज एक्ट में होना अनिवार्य होगा, साथ ही प्रॉपर्टी और बैंक खाते संस्थान के नाम पर होने चाहिए। नियमों का पालन न करने पर रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकेगा। उन्होंने काशीपुर के लिए ट्रांसपोर्ट नगर की मांग उठाते हुए कहा कि एस्कॉट फार्म की 500 एकड़ भूमि में से 20-25 एकड़ भूमि इसके लिए आवंटित होनी चाहिए और लगभग 30 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जानी चाहिए। इस संबंध में वे मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा और भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता भी मौजूद रहे।

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