लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस ने खून के सौदागर एक डॉक्टर सहित 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसके साथ ही ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो जयपुर में रक्तदान शिविर लगाता, रक्त जुटाता और उत्तर प्रदेश ले जाकर गिरोह के जरिए 6000 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेचकर अपनी जेबें भरता। आरोपी डाक्टर सैफई मेडिकल कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोपी डाक्टर के मोबाइसल से डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उसका अक्सर जयपुर व मेवात में आना-जाना रहता था। डाक्टर के पास से 21 ब्लड बैंकों के कागजात मिले हैं, जिनसे वह खून लाता था। जांच में पता चला कि ये दस्तावेज फर्जी हैं। इनकी आड़ में वह खून की तस्करी कर रहा था।
खून के सौदागरों का खुलासा दो दिन पहले हुआ। जब यूपी की एसटीएफ ने नाकाबंदी के दौरान डाक्टर की कार की तलाशी ली। कार में 100 यूनिट ब्लड मिला। पूछताछ में पता चला कि मामला खून की तस्करी का है। यूपी एसटीएफ अब राजस्थान पुलिस को खबरदार कर रही है कि राजस्थान में खून के सौदागर सक्रिय हैं। वे कैंप लगाकर खून एकत्र करते हैं, फिर 1200 रुपए यूनिट के हिसाब से लखनऊ के गिरोह को बेचते हैं। आरोपी डाक्टर अभय प्रताप सिंह उत्तरप्रदेश के सैफई मेडिकल कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है। दूसरे आरोपी अभिषेक पाठक को एसटीएफ ने डाक्टर के फ्लैट से पकड़ा है। इनसे 100 यूनिट पैक रेड ब्लड सेल्स मिलीं। पूछताछ में इन्होंने बताया कि डोनेट किया हुआ ब्लड 1200 रुपए में खरीदकर 4000 से 6000 हजार रुपए में बेचते थे। डिमांड ज्यादा हो तो एक यूनिट से 2 यूनिट खून तैयार कर ऊंचे दामों में बेचते थे।
पुलिस के मुताबिक डॉ अभय और अभिषेक पाठक कई साल से खून की तस्करी कर रहे थे। दोनों ने बताया वे राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों से तस्करों के जरिए डोनेट खून जुटाते और यूपी-बिहार में बेचते थे। क्योंकि इन दोनों राज्यों में लोग रक्तदान कम करते हैं और खून की डिमांड रहती है। तस्करी में ब्लड को वैध रूप देने के लिए फर्जी रक्तदान शिविर के दस्तावेज बना लेते थे। राजस्थान में जयपुर और मेवात इलाके में गिरोह के लोग सक्रिय हैं जो लोगों से ब्लड डोनेट करवाते और गिरोह को बेच देते थे। एसटीएफ टीम ने उसके घर की तलाशी ली तो फ्रिज में 55 पैकेट ब्लड और मिला। एसटीएफ ने फ्लैट में मौजूद उसके साथी अभिषेक पाठक को भी गिरफ्तार कर लिया। यूपी एसटीएफ के डीएसपी अमित नागर के मुताबिक आरोपी नशा करने वाले लोगों से भी ब्लड डोनेट करवा कर बिना जांच किए गिरोह को बेच देते थे। राजस्थान, पंजाब व हरियाणा में ऐसे गिरोह अब पुलिस के रडार पर हैं।