
देहरादून। मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान की अध्यक्षता में विकासभवन सभागार में की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास विभाग के माध्यम से संचालित रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर (आरबीआई) की रेखीय विभागों के साथ समीक्षा बैठक आहूत की गयी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि उद्देश्य राज्य के निवासियों को स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहित करने एवं उद्यम स्थापना हेतु प्रारम्भ से अन्त तक उद्यमियांे को ऐसे क्षेत्रों में नवाचार, उद्यमिता और व्यवसाय विकास को बढ़ावा दिया जाना है। इच्छुक उद्यामियों को स्थाई आजीविका के अवसर प्रदान कर सके, पलायन रोकने हेतु राज्य के निवासियों को आजीविका के अवसर प्रदान किये जाने, कृषि एवं गैर कृषि आधारित उद्यम सम्बन्धी पारस्थितिक तन्त्र को सुगम बनाना, उद्यम स्थापना में स्थानीय समस्याओं के निराकरण हेतु सहयोग प्रदान किये जाने की जानकारी से अवगत कराया गया। उन्होंने उन्होंने रेखीय विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्थानीय निवासियों को स्थाई आजीविका के अवसर प्रदान करने कृषि एवं गैर कृषि आधारित उद्यमों की औपचारिकताओं को सुगम बनाते हुए उद्यमियों की समस्या का भी समयबद्ध निराकरण किया जाए, जिससे अधिक से अधिक लोग स्वरोजगार से जुड़कर अपनी आर्थिकी को मजबूत बनाते हुए अन्य को भी रोजगार से जोड़ सकें। मुख्य विकास अधिकारी ने रेखीय विभागों के अधिकारियों को आरबीआई के विशेषज्ञों को यथासहयोग किये जाने के निर्देशित किया गया। विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने विभाग के लाभार्थियों को जागरूक करते हुए आवेदन पत्रों को ऑनलाईन माध्यम से निशुल्क सबमिट किये जाने के भी निर्देश दिये। बैठक में आरबीआई के विशेषज्ञों द्वारा उपस्थित अधिकारियों को कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी से अवगत कराया गया। बैठक में जानकारी दी गई कि जनपद स्तर पर योजना से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की जानकारी तथा प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु चन्द्रजीत सिंह, इन्क्यूबेशन मैनेजर, आरबीआई के दूरभाष नम्बर-6393717534 पर सम्पर्क किया जा सकता है। बैठक में विक्रम सिंह, परियोजना निदेशक, डीआरडीए, देहरादून, लतिका सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी, मिनाक्षी जोशी, मुख्य उद्यान अधिकारी, अंजनी रावत, महाप्रबन्धक, उद्योग केन्द्र, बीएस कापड़ी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, देहरादून, निदेशक, आर सेठी, प्रशान्त कुकरेती, उद्यमिता विशेषज्ञ, आरबी आई कोटद्वार, प्रवीन, गैर कृषि विशेषज्ञ, आरबीआई कोटद्वार, चन्द्रजीत सिंह, इन्क्यूवेशन मैनेजर, मोहन पाण्डे, उद्यमिता विशेषज्ञ व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।