-अब तक गिर चुके हैं छह मकान, कई और भी मंडरा रहा खतरा
काशीपुर। ढेला नदी के लगातार रौद्र रूप के चलते नदी किनारे की बस्ती पर खतरा मंडराया हुआ है। ढेला नदी के किनारे बने मकान लगातार ढह रहे हैं, जिससे मकान मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है। आज फिर एक मकान ढेला नदी में समा गया। लगातार तेजी से बढ़ते जल स्तर के कारण ढेला नदी अपना दायरा बढ़ाती चली जा रही है। इससे काशीपुर के कई क्षेत्रों में खतरा मंडरा रहा है। ढेला नदी में अब तक छह मकान समा चुके हैं लेकिन अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने मौके पर पहुंचकर उनका हाल जानने की जरूरत महसूस नहीं की है। जनप्रतिनिधियों के इस रवैये से पीड़ित परिवारों में रोष देखा जा रहा है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी, विशेषतः एसडीएम अभय प्रताप सिंह व तहसीलदार यूसुफ अली लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं। आज मकान गिरने के दौरान भी तहसीलदार मौके पर मौजूद थे।
ढेला निकट बसी बस्तियों में नदी का कटाव लगातार हो रहा है। अब तक छह मकान गिरने के साथ ही तीन मकानों व शिव मंदिर की दीवारों में दरार आ गई है। प्रशासन ने शिव मंदिर के आसपास पिचिंग करा दी है। ढेला नदी के आसपास रहने वाले लोग डरे-सहमे दिनरात गुजार रहे हैं। ढेला नदी में आई बाढ़ इस साल ढेला बस्ती व मधुवन नगर के लिए मुसीबत बनकर आई है। प्रशासन के मुताबिक रविवार की देर रात से बुधवार की दोपहर तक जहीन अहमद, तौकीरन, मुस्तरी, मो. शफीक और लज्जावती के मकान गिर चुके हैं। हालांकि सक्रियता के चलते कोई जनहानि नहीं हुई है। इन मकानों में रखा खाने-पीने का सामान बर्तन, कपड़ेअ आदि मकान के मलबे में दब कर खराब हो गए हैं। पीड़ित लोग आसपास में अपने मिलने वालों के यहां रह रहे हैं। वही उनकी मदद भी कर रहे हैं। मधुवन नगर स्थित नागेश्वर शिव मंदिर भी नदी के कटाव से खतरे में है। मंदिर की दीवारों में दरारें आ गईं और बुनियाद खोखली हो गई थी। प्रशासन ने कटाव से मंदिर की दीवारें बचाने के लिए पिचिंग करा दी है। उधर ढेला बस्ती में नाजमा व चंदा के मकानों की दीवारों में दरारें आ गई हैं, जिससे इनके गिरने का खतरा बना हुआ है। ढेला नदी किनारे के अधिकांश मकान खतरे की जद में हैं। जिससे लोग डरे सहमे हुए हैं। तहसीलदार युसूफ अली ने बताया कि अभी तक चार परिवारों को तत्काल राहत सहायता पांच-पांच हजार रुपये दे दिए गए हैं। वहीं लोगों का कहना है कि अभी तक पीड़ितों की खोज खबर लेने सांसद, मेयर और विधायक मौके पर नहीं पहुंचे हैं। केवल एसडीएम व तहसीलदार ही आए हैं।