मुरादाबाद। पूर्व प्रधान गजराज सिंह (75) की हत्या उनके ही बेटे और पोतों ने संपत्ति के लालच मे मिलकर की थी। गजराज सिंह सिविल लाइंस के मऊ लाइनपार में रहते थे। उनका शव घर के अंदर ही मिला। संपत्ति के लिए आरोपियों ने इस हत्याकांड को अंजाम देने की बात स्वीकार की। चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। मऊ लाइनपार में बीते 29 अगस्त की रात गजराज सिंह का शव मकान के दूसरी मंजिल के कमरे में बेड़ पर मिला था। गजराज सिंह वहां अकेले रहते थे जबकि मकान के निचले हिस्से में किरायेदार रहते थे। एसपी सिटी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया तो गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई। मामले में गजराज के बड़े बेटे धर्मपाल सिंह ने तहरीर देकर पाकबड़ा के गांव गुरैठा निवासी अंकुर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था। एसपी सिटी अमित कुमार आनंद ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की तो अंकुर की नामजदगी गलत पाई गई। इसके बाद पूर्व प्रधान के गांव बाछल भूड़ पहुंच कर गजराज सिंह के परिवार की कुंडली खंगाली। पता चला कि गजराज सिंह गांव की 12 बीघा जमीन बेच कर सिविल लाइंस के मऊ में मकान बनवाकर रह रहे थे। वह लगातार अपनी जमीनें बेच रहे थे। बेटे और पोते को डर था कि गजराज सिंह पूरी संपत्ति न बेच दे। इसी के चलते पूर्व प्रधान के धर्मपाल ने अपने बेटे अनिकेत व रजित और भतीजे अंकित पुत्र सत्यवीर सिह के साथ मिलकर गजराज सिंह की हत्या करने की योजना रक्षाबंधन के दिन घर पर बनाई। इसके बाद 28 अगस्त की रात करीब 8 बजे बजे आरोपी गजराज सिंह अपने रचित और भतीजे अंकित के साथ मऊ पहुंचा। यहां धर्मपाल ने बेटे और भतीजे के साथ गजराज सिंह की गला घोंटकर हत्या कर दी। बाद में अंकुर को नामजद कर मुकदमा करा दिया। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपी धर्मपाल उसके दोनों बेटे रचित व अनिकेत और भतीजे अंकित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।