बंदरों का आंतक दो माह में बच्चे को छत से नीचे फेंका

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बांदा । छापर गांव में इन दिनों बंदरोंका आतंक है। उत्पाती बंदरों ने अपने घर की छत में सो रहे 2 माह के मासूम बच्चे को छत से नीचे फेंक दिया जिससे उसकी घटनास्थल पर मौत हो गई। बच्‍चे की मौत के बाद घरवालों में कोहराम मच गया। इस घटना से जहां ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि अब बंदर वन्यजीव श्रेणी से बाहर हैं ।
ग्राम छापर निवासी विश्वेश्वर वर्मा का 2 वर्षीय पुत्र अभिषेक बरामदे के नीचे सो रहा था। तभी वहां चार-पांच बंदरों का झुंड आ गया। इस दौरान कामकाज में जुटे परिजनों की नजर बंदरों पर पड़ी तब उन्होंने बंदरों को भगाना शुरू किया। इसी बीच बंदर ने पालने में सो रहे बच्चे को उठाकर इसके बाद छत से नीचे फेंक दिया। यह देखते ही घर के लोगों में सनसनी फैल गई। बच्चे को उठाकर फौरन डॉक्टर के पास ले गए डॉक्टर ने बच्चे को देखते ही मृत घोषित कर दिया। इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
बात दें कि इस गांव में पिछले कई महीनों से बंदरों का आतंक व्याप्त है। इस सिलसिले में ग्रामीणों ने वन विभाग को अवगत भी कराया था लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। इससे पहले बंदरों को भगाते समय 2 माह पूर्व 65 वर्षीय तेजनिया गिरकर घायल हो गई थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।

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