काशीपुर। 16 से 20 नवंबर को होने वाले 75 में वार्षिक निरंकारी संत समागम के शुभारंभ पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के द्वारा समागम सेवा का उद्घाटन संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में किया गया। संत निरंकारी मंडल कार्यकारिणी समिति के सदस्य, केंद्रीय योजना एवं सलाहकार बोर्ड के सदस्य, सेवा दल के अधिकारी, स्वयंसेवक तथा दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य राज्यों के साथ उत्तराखंड से बड़ी संख्या में सभी श्र(ालु भक्त सम्मिलित हुए। समन्वय समिति कमेटी अध्यक्ष सुखदेव सिंह एवं संत निरंकारी मंडल सचिव जोगिंदर सुखीजा द्वारा सतगुरु माता जी का अभिनन्दन किया गया। अपने सम्बोधन में सतगुरु माता जी ने कहा कि सेवा की भावना पूर्णतः समर्पण वाली होनी चाहिए। सेवाभाव हुक्म अनुसार एवं मन को पूर्णतः समर्पित करके की जाती है, तभी वह सार्थक कहलाती है। सेवा केवल कार्य रूप में नहीं, अपितु उसमें जब सेवा का भाव आ जाता है, तब उसकी खुशबू महक दार हो जाती है। सेवा को सदैव चेतनता से ही करना चाहिए और यह ध्यान में रखते हुए कि कभी हमारे कर्म, हमारे व्यवहार से जाने अनजाने में भी किसी का तिरस्कार ना हो, सभी का सत्कार ही करना है। क्योंकि सभी संतो में इस निरंकार का ही वास है। इसी भक्ति भाव से सेवा को स्वीकार करें और मन से सिमरन करते हुए अपनी सेवाओं का योगदान देते चले जाएं। जसपुर जोन की ब्रांच काशीपुर के सेवादार भाई- बहन बसों के द्वारा 2 अक्टूबर को संचालक प्रवीन अरोड़ा की देखरेख में समालखा समागम स्थल पर जा रहे हैं। काशीपुर के अतिरिक्त जसपुर बाजपुर से भी इसी प्रकार से सेवा पर जाने वाली बसों की व्यवस्थाएं की गई हैं। उक्त जानकारी स्थानीय निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा द्वारा दी गई।