काशीपुर। निजी हाॅस्पिटल के डाॅक्टर और प्रबंधन तंत्र पर उपचार में लापरवाही का आरोप लगा है। तहरीर सौंपने के बावजूद मुकदमा दर्ज ने होने पर पीड़ित पक्ष ने आज आईटीआई थाने में जमकर हंगामा काटा। गड्डा कालोनी निवासी मोहम्मद मुस्तकीम पुत्र शरीफ अहमद ने थाना आईटीआई पुलिस को तहरीर देकर बताया कि शनिवार दोपहर वह अपनी 19 वर्षीय पत्नी खुशनुमा को जसपुर खुर्द स्थित मल्टीस्पेशलिटी हाॅस्पिटल ले गया। वहां मौजूद डाॅक्टर ने 7 हजार रूपये में पत्नी की नार्मल डिलीवरी की गारंटी देते हुए कहा कि 7 हजार रूपये जमा करने बाद मरीज का आयुष्मान कार्ड से भी फ्री इलाज हो जाएगा। तब उसने अपने करीबी रिश्तेदार से 7 हजार रुपये उधार लेकर अस्पताल प्रबन्धन के पास जमा कर दिये, लेकिन उक्त डाॅक्टर द्वारा कुछ समय बाद कहा गया कि मरीज का तुरन्त आॅपरेशन करना पडेगा वरना बच्चा मर सकता है और आयुष्मान कार्ड से भी इलाज नहीं होगा। जल्दी 50000 रूपये का इंतजाम करो। बच्चे को भी एनआई सीयू में रखना पड़ेगा। यह सुन कर वह अपनी पत्नी से मिलने आईसीयू में गया तो पत्नी ने बताया कि उसे बहुत पीड़ा हो रही है। मोहम्मद मुस्तकीम के मुताबिक, इस बाबत डाॅक्टर से बात करने की कोशिश की तो डाॅक्टर ने गालीगलौच कर कहा कि कहीं से भी पैसों का इंतजाम करो वर्ना मरीज को बाहर सडक पर फिंकवा देंगे। साथ ही कहा कि बच्चा पेट में मर चुका है। तुम अपने मरीज को देहली एम्स हाॅस्पिटल ले जाओ। इस पर वह एम्बुलेंस कर पत्नी को सरवरखेड़ा स्थित प्राईवेट हाॅस्पिटल ले गया, जहां डाक्टरों ने तुरन्त आपरेशन कर पत्नी के पेट से मृत बच्ची को बाहर निकाला और बताया कि माँ की हालत भी सीरियस है। तहरीर में आरोप लगाया गया कि जसपुर खुर्द स्थित मल्टीस्पेशलिटी हाॅस्पिटल के डाॅक्टर एवं अस्पताल प्रबन्धन की लापरवाही से पत्नी के पेट में बच्ची मर गयी पत्नी की हालत भी सीरियस है। तहरीर सौंपने के बावजूद मुकदमा दर्ज ने होने पर पीड़ित पक्ष ने आज आईटीआई थाने में जमकर हंगामा काटा।