बछपरा । देश में इस समय शादी-विवाह का मौसम चल रहा है। शादियों की धूम मची हुई है। इस बीच बिहार के छपरा में एक ऐसी शादी हुई है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। जब 70 साल का दूल्हा बग्घी पर सवार होकर अपनी दुल्हन को लाने ससुराल की ओर चले तो हर कोई उन्हें देखता रह गया। सात बेटियों और 1 बेटे के साथ पूरा गांव बाराती बना हुआ था।
सभी बैंड-बाजा और डीजे की धुन पर थिरक रहे थे। पूरा गांव जश्न में डूबा हुआ था। इस अनूठी शादी को देखने के लिए बड़ी तादाद में लोग जुटे थे। बुजुर्ग दंपति भी इससे काफी खुश थे। छपरा में गुरुवार को एक अनोखी बारात निकली। 70 साल के एक बुजुर्ग की बारात में उसकी 7 बेटियां और एक बेटा के साथ पूरा गांव बाराती बना हुआ था। दरअसल, एकमा के आमदाढ़ी निवासी राजकुमार सिंह की शादी 42 साल पहले 5 मई को ही हुई थी, लेकिन पत्नी का दोंगा (गौना) नहीं हुआ था। दोंगा वह रस्म है जिसमें पत्नी का मायके से अपने पति के घर दूसरी बार जाना होता है। इस रस्म को राजकुमार सिंह और उनके संतानों ने इस कदर यादगार बना दिया, जिसे कोई नहीं भूल सकता है।
छपरा में एक शख्स शादी के 42 वर्ष पहले हुई थी। अब वह चार दशक से भी ज्यादा समय के बाद पत्नी का दोंगा कराने रथ पर सवार होकर निकले। जिले के एकमा थाना के आमदाढ़ी में धूमधाम के साथ 70 साल के बुजुर्ग की बारात निकली तो देखने वाले हैरान रह गए। दूल्हा बने राजकुमार सिंह ने बताया की 42 साल पूर्व उनकी शादी में मांझी थाने के नचाप गांव से बारात आमदाढ़ी आई थी। शादी के बाद वह कभी अपने ससुराल आमदाढ़ी नहीं गए थे और न कभी दोंगा ही हुआ था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटियों और बेटा ने मिलकर 42 वर्ष के बाद दोंगा की रस्म पूरी की।
राजकुमार सिंह अपने गांव में आटा-चक्की चलाते हैं। काफी संघर्ष कर उन्होंने अपनी 7 बेटियों को बिहार पुलिस और सेना में नौकरी दिलाई। साथ ही बेटे को इंजीनियर बनाया। बच्चों की जिद के आगे राजकुमार सिंह को झुकना पड़ा और दूल्हा बनकर बारात के साथ निकल पड़े अपनी पत्नी को दुबारा विदा कर घर लाने के लिए। अपने दूल्हे का यह अंदाज पत्नी को भी काफी पसंद आया। वहीं, बच्चों ने भी राजकुमार सिंह के प्रयासों की सराहना की जिसके बदौलत आज वह इस मुकाम पर हैं। राजकुमार सिंह की दूसरी शादी पूरे इलाके में चर्चा के विषय बनी हुई है।