काशीपुर । आर्य समाज के 148 वें स्थापना दिवस पर आर्य समाज काशीपुर के प्रांगण में विश्व की सुख, शान्ति एवं समृ(ि हेतु यज्ञ हुआ। यज्ञ के यजमान डा. नरेन्द्र अग्रवाल, मधुप गुप्ता एवं पंकज कुमार सपत्नीक रहे, जबकि यज्ञ के पुरोहित एवं ब्रह्म डा. जयसिंह सरोज थे। भारत के सुप्रसिध्द भजनोपदेशक पं. जयप्रकाश, श्रीमती सूरजप्रभा, श्रीमती राज बत्रा ने सुमुधर ध्वनि में भजन सुनाकर उपस्थित जनों को मंत्र मुग्ध कर दिया। मुरादाबाद निवासी विदुषी श्रीमती निर्मला ने अपने वक्तव्य में कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सारे समाज को एक सूत्र में पिरोने का महान कार्य किया, वरना लोगों ने स्त्री शूद्रों नाधीयतामिति श्रुति कहकर आधी आबादी से अधिक नारी जाति एवं अनुसूचित जाति से पढ़ने पढ़ाने का अधिकार ही छीन लिया था। आज हर क्षेत्र में हमारी बेटियां जो देश का नाम रोशन कर रही हैं, यह महर्षि की ही देन है। स्त्री जगत सदैव )षिवर का )णी रहेगा। वास्तव में महर्षि हमारी सनातन वैदिक संस्कृति के पुनरो(ारक थे। डा. जयसिंह सरोज ने आलिव फाजिल के महान विद्वान पं. वृन्दावन लाल धूत जो हिन्दू समाज में व्याप्त पाखंड, अन्धविश्वास, छुआछूत, कुरीतियों के कारण मुस्लिम मत स्वीकार कर रहे थे, महर्षि दयानन्दके सम्पर्क आकर अपने शिष्यों श्री बांकेलाल, कश्मीरी लाल, बाबूराम पंसारी, कल्याण चन्द्र गुड़िया, मु. रंगीलाल, गौरी शंकर, लालमन दास नागर के सहयोग से काशीपुर में सन 1885 में आर्य समाज की स्थापना की, को श्र(ा सुमन अर्पित करते हुए बताया कि महर्षि स्कन्द, देवी अरुंधति, महर्षि वशिष्ठ एवं आचार्य द्रोण की तपस्थली द्रोणसागर पर बद्रीनाथ से महर्षि दयानन्द सन 1855 में आये थे। यहां उनके अंतर्मन मे विचार आये कि धर्म एवं पूजा के नाम पर सब प्रपंच है। हिमालय के हिममय क्षेत्र में प्राण त्याग देना चाहिए, तभी उन्हें अन्तरप्रेरणा हुई कि बिना सत्य ज्ञान के यह उचित नही है, अभी सत्य ज्ञान अभीष्ट है। यहीं से वह ज्ञानी गुरु के अन्वेषण में वेदों के प्रकांड विद्वान, संस्कृति के सूर्य प्रज्ञा चंक्षु स्वामी विरजानन्द की शरण में मथुरा पहुंचे। इस पवित्र स्थल पर सन 1954 से महर्षि दयानन्द आश्रम स्थित है, जहाँ विश्व का प्रथम महर्षि दयानन्द कीर्ति स्तम्भ बना है, जिसका श्रेय पूर्व सांसद स्व. सत्येन्द्र चन्द्र गुड़िया को जाता है। आर्य समाज के प्रधान सत्य प्रकाश अग्रवाल ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एडवोकेट मयंक अग्रयाल, एडवोकेट वेद प्रकाश बाठला, अनुराग सारस्वत के किए गए परिश्रम एवं उपस्थित आगन्तुकांे को इस कार्यक्रम को सफल बनाने एवं आर्थिक सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया जिनमें श्रीमती शशिप्रभा सिंघल, श्रीमती कुमकुम सक्सेना, टहल दास, राजपालसिंह, अनिल शर्मा, श्रीमती कल्पना गुड़िया, मदान परिवार, जगदीश अरोरा परिवार डा. दीपिका गुड़िया, करन सिंह चैहान आदि आदि थे। वहीं उपस्थितजनों में आर्य समाज के प्रधान सत्य प्रकाश अग्रवाल, महामंत्री संजय अग्रवाल, शिव चरन बिश्नोई, सुरेश तिवारी, कृष्ण कुमार वर्मा, सुशील गुड़िया, आनंद सिंह चैहान, विजय शर्मा, प्रेम प्रकाश गुप्ता आदि थे।