नई दिलली। टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू 8 अगस्त 1994 को इंफाल में पैदा हुई चानू के लिए इस बार का जन्मदिन सबसे खास रहा। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय भारोत्तोलक हैं। वह अपने बैग में हमेशा देश की मिट्टी रखती हैं। यही नहीं विदेश में भी गांव के चावल ही खाती हैं। चानू के लिए
ओलंपिक तक का सफर इतना आसान नहीं था। 2006 में भारोत्तोलक बनने के सपने को पूरा करने के इरादे से उन्होंने जब एकेडमी जॉइन की तो उन्हें , अपने घर से करीब 20 किमी दूर जाना पड़ता था। ऐसे में कमजोर आर्थिक हालातों के कारण वह ट्रक ड्राइवरों से लिफ्ट लेकर वहां तक पहुचंती थी जिससे आने-जाने का किराया बचाया जा सके। इसी लिए ओलंपिक पदक जीतने के बाद चानू ने ट्रक ड्राइवर्स को मिठाई खिलाकर उनका आभार भी जताया।