
-एक साल बाद फिर मकर में सूर्य, शनि के साथ बुध रहेंगे, इस कारण संक्रमण फैलेगा पर नियंत्रित रहेगा
भोपाल। इस बार मकर संक्रांति 14 और 15 जनवरी दोनों दिन मनाई जाएगी। 14 से संक्रांति शुरू होगी और 15 को पुण्य काल रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति पर एक साल बाद फिर मकर में सूर्य, शनि के साथ बुध रहेंगे। इस कारण कोरोना संक्रमण फैलेगा लेकिन नियंत्रित रहेगा। एक साल पहले इन तीन ग्रहों के साथ गुरु और चंद्र भी मकर में थे। इस कारण संक्रमण की भयावह स्थिति बनी थी। मकर संक्रांति 14 जनवरी की रात 8.58 बजे शुरू होगी। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है, उसे ही मकर संक्राति कहते हैं। पं. मनीष शर्मा के अनुसार इसलिए मकर संक्राति 14 जनवरी को होगी पर इसका पुण्यकाल स्नान दान 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस तरह मतांतर से 14 व 15 जनवरी को संक्राति पर्व मनाया जाएगा।
इस समय में सूर्य उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में भ्रमण करेगा। इस नक्षत्र के स्वामी शनि है। सूर्य मकर राशि में जाएगा, जिसमें राशि स्वामी शनि और बुध पूर्व से ही विराजमान है। सूर्य की शनि एवं बुध के साथ मकर राशि में युति होगी। 2021 में भी सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय शनि मकर राशि में था और एक महीने तक सूर्य, शनि की युति मकर में रही थी। चंद्र की भी युति के कारण अमावस्या पर मकर संक्रांति आई थी। सूर्य, शनि, चंद्र, गुरु एवं बुध की युति के कारण 2021 में भयानक संक्रमण फैला था। इस साल भी सूर्य, शनि और बुध की युति मकर राशि में रहेगी। इससे संक्रमण फैलेगा लेकिन नियंत्रित रहेगा। पांच राज्यों में होने वाले चुनावों में भाजपा को ज्यादा सफलता मिलेगी। अन्य पार्टियों को ज्यादा संघर्ष करना पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश एवं पंजाब में चुनावी हिंसा व आतंकी घटना की आशंका है। संक्राति का असर व्यापार के लिए भी मध्यम रहेगा।