उत्तराखंड में न्यायिक कार्य करने वाले आयोग/अधिकरण के अध्यक्ष, सदस्यों तथा आयुक्तों के पद पर हिन्दी में कार्य करने में सक्षम तथा हिन्दी में कार्य करने वालों की ही नियुक्ति करने की सरकार से मांग की गयी हैै। यह मांग प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव को ज्ञापन व सुझाव भेजकर माकाक्स द्वारा की गयी हैै। माकाक्स अध्यक्ष नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा प्र्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को भेजे गये ज्ञापन/सुझावों में कहा गया है कि उत्तराखंड में सूचना आयोग केे मुख्य सूचना आयुक्त व सूचना आयुक्तों तथा राज्य व जिला उपभोक्ता आयोगोें तथा उत्तराखंड लोक सेवा अधिकरण सहित विभिन्न आयोगों तथा अधिकरणों में अध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त हैैं औैर इन्हें शीघ्र भरने के लिये सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़े निर्देश दे रखे हैैं। इनमें से विभिन्न को भरने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की दी गयी हैै। इस सम्बन्ध में राष्ट्रभाषा हिन्दी के विकास तथा जनहित, उपभोक्ता हित को ध्यान में रखते हुये संस्था ने 5 बिन्दुओं पर सुझाव प्रेषित किये है। श्री नदीम द्वारा प्रेषित नियुक्ति सम्बन्धी सुझावों में रिक्त पदों पर निष्पक्ष प्रक्रिया द्वारा योग्य व सक्षम व्यक्तियों की यथाशीघ्र नियुक्ति, रिक्ति होने से छःमाह पहले ही नियमानुसार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करके पूर्व पदाधिकारी का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही नियुक्ति पूर्ण करना ताकि पद रिक्त न रहे, राष्ट्रभाषा विकास के लिये पदों पर केवल हिन्दी में समस्त कार्य करने में सक्षम व हिन्दी में कार्य करने के अनुभव वाले व्यक्तियों की ही नियुक्ति करने के सुझाव शामिल हैं।
श्री नदीम द्वारा सभी आयोेगों, अधिकरणों में शत प्रतिशत कार्य हिन्दी में करने के लिये दिये गये सुझावोें में आयोगों, अधिकरणों में सरकार की ओर से पैरवी करने वालोें की भी हिन्दी में कार्य करनेे को सक्षम व्यक्तियों की नियुक्ति, सरकार की ओर से दाखिल सभी उत्तर, शपथ पत्र आदि केेवल हिन्दी में दाखिल करने की व्यवस्था, अधिकरणों, आयोगोें द्वारा हिन्दी में कार्य से इंकार करनेे पर इसकी अपील उच्च न्यायालय में करने की व्यवस्था, अध्यक्ष व सदस्यों के कार्यकाल समाप्त होने पर सरकारा के पदों पर तभी नियुक्ति हो जब उन्होंने हिन्दी में कार्य किया हो तथा हिन्दी में समस्त कार्य होने का पर्यवेक्षण व कार्यवाही सरकार द्वारा करने की व्यवस्था के सुझाव शामिल है।
श्री नदीम द्वारा उत्तराखंड उच्च न्यायालय में हिन्दी के वैैकल्पिक प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये दिये गये सुझावों मंें राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत किये जाने वाले समस्त प्रार्थना पत्र, शपथपत्र, उत्तर केवल हिन्दी में दाखिल करने के महाधिवक्ता तथा सभी स्टैडिंग कौंसिल को निर्देश, हिन्दी में कार्य करनेे में सक्षम व्यक्तियों की ही राज्य सरकार की पैैरवी के लिये नियुक्ति, राज्य सरकार के पदों पर हिन्दी कार्य अनुभव वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति, राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को उत्तराखंड के मुख्य न्यायधीशों व न्यायधीशों के पद पर केवल हिन्दी में कार्य करने में सक्षम व्यक्तियों की नियुक्ति का अनुरोध के सुझाव शामिल हैं।