नई दिल्ली। राजस्थान से अपहृत तीन सगे भाइयों में से दो की दिल्ली लाकर हत्या करने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने तीनों बच्चों की हत्या की कोशिश की थी, लेकिन तीसरा बच्चा बच गया जो पुलिस को महरौली के जंगल के पास रोता मिला था। उसे बाल गृह में भर्ती करा दिया गया था।आरोपियों ने बच्चों की हत्या के बाद उनके परिजनों से आठ लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। राजस्थान पुलिस ने आरोपियों महावीर और मंजा कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, बच्चों अमन और विपिन के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। राजस्थान पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक बच्चों के पिता ज्ञान सिंह परिवार के साथ अलवर जिले के एक गांव में रहते हैं और सब्जी का ठेला लगाते हैं। परिवार मूलत उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के हाजियापुर गांव का रहने वाला है। पुलिस को दी गई शिकायत में ज्ञान सिंह ने बताया कि 15 अक्तूबर की सुबह वह अपने बेटों 13 वर्षीय अमन, आठ वर्षीय विपिन और पांच वर्षीय बेटे शिवा के साथ अपने सब्जी के ठेले पर थे। किसी काम के लिए वह थोड़ी देर के लिए ठेले से हटे। वापस आए तो देखा तीनों बेटे वहां नहीं थे। काफी तलाश के बाद भी बच्चे नहीं मिले तो उन्होंने थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। मामला बच्चों से जुड़ा होने के चलते राजस्थान पुलिस के एसीपी स्तर के अधिकारी को जांच सौंपी गई। 17 सितंबर को एसीपी राजवीर बच्चों के पिता ज्ञान सिंह से पूछताछ कर रहे थे, तभी ज्ञान सिंह के मोबाइल पर फिरौती के लिए फोन आ गया। आरोपियों ने बच्चों को वापस करने के एवज में आठ लाख रुपये की मांग की थी। सर्विलांस से पता चला कि कॉल पीड़ित के घर के आसपास से की गई है। इसके बाद पड़ोस में ही जांच शुरू हुई। पुलिस टीम ने फिरौती की कॉल के कुछ ही देर में आरोपियों महावीर और मंजा कुमार को दबोच लिया। दोनों आरोपी पीड़ित परिवार से पहले से परिचित थे।