हर राज्य में बनेंगे तिरुपति मंदिर

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भगवान तिरुपति के प्रति भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़,?


तिरुपति। विश्व का सबसे धनी मंदिर ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी)अब हर राज्य में भगवान तिरुपति के मंदिर का निर्माण कराएगा। महाराष्ट्र के नवी मुंबई, गुजरात के गांधीनगर, और छत्तीसगढ़ के रायपुर में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू भी हो चुका है। जम्मू में तिरुपति मंदिर का निर्माण होने के पश्चात इसका उदघाटन भी किया जा चुका है। जम्मू में बड़ी संख्या में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने भक्त पहुंचते हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में देशभर के लाखों पर्यटक हर साल जम्मू से कश्मीर जाते हैं। ट्रस्ट को उम्मीद है,कि जम्मू के इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। इससे ट्रस्ट की कमाई में भी इजाफा होगा। जल्द ही हर राज्य में भक्तों को भगवान तिरुपति के दर्शन होंगे। धर्म के प्रति आस्था अब कमाई का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। तिरुमला स्थित तिरुपति मंदिर में लोग बड़ी आस्था के साथ पहुंचते हैं। वहां भगवान की जो मूर्ति है। वह भगवान की जागृत मूर्ति है। वहां जाने वाले भक्तों को उनकी आस्था के अनुसार प्रतिफल मिलता है।
जब, हर राज्य में ट्रस्ट द्वारा तिरुपति देवस्थानम बना दिया जाएगा, तो वह एक तरह की फ्रेंचाइजी नेटवर्क की तरह काम करेगा। तिरुपति भगवान पर भक्तों की आस्था से कमाई करने का यह नया जरिया खोजा गया है। श्रद्धालुओं में इसकी बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है। तिरुमला में स्थापित तिरुपति मंदिर की धार्मिक और पौराणिक पृष्ठभूमि है। भगवान के प्रति आस्था को अब हर राज्य में मंदिर बनाकर कमाई का साधन बनाने से,भक्तों की आस्था के साथ कुठाराघात होगा। वहीं धर्म के नाम पर कमाई करने का एक नया जरिया ट्रस्ट द्वारा तैयार किया जा रहा है। अब धर्म भी व्यापार की तरह होने लगा है। जो भक्त पैसा खर्च कर सकते हैं। वही भगवान के दर्शन पूजा-पाठ और अभिषेक के अधिकारी हैं। जो पैसा खर्च नहीं कर सकते हैं। उन भक्तों को लंबी-लंबी लाइनों मे लगाकर, एंट्री फीस लेकर ही भक्तों को भगवान के दर्शन हो सकेंगे। बिना पैसे दिए अब भगवान के दर्शन भी संभव नहीं होंगे।
 पिछले कुछ वर्षों में काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर, एवं अन्य कई धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल की भांति आधुनिकी करण करके जिस तरह की व्यवसायिक गतिविधियां, धर्म क्षेत्र में शुरू की जा रही हैं। उससे भक्तों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जितने भी प्रतिष्ठित देवस्थान हैं। उन्हें कमाई का जरिया बनाया जा रहा है। इस कमाई के चक्कर में भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अब श्रद्धालुओं में चर्चा होने लगी है,कि पैसे हों, तभी भगवान के दर्शन संभव हैं। जो चढ़ावा और शुल्क दे सकते हैं। तभी उन्हें भगवान के दर्शन होंगे।
 बहरहाल, सबसे ज्यादा पैसा टीटीडी के पास है। वह सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में तिरुपति देवस्थानम मंदिर की श्रंखला शुरू करने जा रहा है। निश्चित रूप से इससे ट्रस्ट की कमाई बढ़ेगी। अभी तक तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट लोगों की भलाई के लिए बहुत सारे काम कर रहा था। लेकिन अब वह कंपनियों की तरह हर राज्य में फ्रेंचाइजी मॉडल में देवस्थान बनाकर कमाई करने का जरिया बना रहा है। इससे तिरुमला स्थित तिरुपति के भगवान के प्रति भक्तों में जो आस्था है। उस आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उससे भक्तों में नाराजी भी देखने को मिल रही हैं।

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