हरियाली के साथ चिड़ियों व कीट-पतंगे के बीच काम करेगा गूगल का स्टॉफ

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बना रहा नया ऑफिस नाम दिया गया बायोफिलिक
वाशिंगटन। कोरोना संकट की शुरुआत के बाद से ही कई सारी कंपनियों का स्टाफ वर्क फ्रॉम होम कर रहा हैं। अब दुनिया भर में कोरोना से राहत मिलने के बाद बहुत सी कंपनियों ने अपने स्टाफ को दफ्तर बुलाना शुरू कर दिया है। कई कंपनियों में लोग अब भी वर्क फ्रॉम होम ही कर रहे हैं, लेकिन कंपनियां अब अपने स्टाफ को दफ्तर बुलाना चाहती हैं।इसके लिए कंपनियां कई तरह के जतन कर रही हैं। साल 2022 की शुरुआत में अपने स्टाफ को दफ्तर बुलाने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल ने अपने दफ्तर को बायोफिलिक बनाने का फैसला किया है। अमेरिका के मैनहट्टन में बन रहे दफ्तर पर 2.1 अरब डॉलर की रकम खर्च हो सकती है। गूगल के नए ऑफिस कॉम्प्लेक्स में स्टाफ को बेहतर फील कराने के लिहाज से हरियाली के साथ चिड़ियों, कीट-पतंगे आदि की व्यवस्था भी की गई है। अमेरिका के इतिहास में यह किसी कंपनी का सबसे महंगा दफ्तर साबित होगा है।गूगल के नए दफ्तर के आर्किटेक्ट के मुताबिक सेंट जॉन टर्मिनल वास्तव में कारोबारी माहौल में प्रकृति से तालमेल बिठाने का बेहतरीन उदाहरण बन सकता है। उन्होंने कहा कि गूगल का यह दफ्तर ट्रेडिशनल दफ्तर की तुलना में काफी अलग होगा है।
गूगल अपने प्रयास के जरिए करीब दो साल से घर से काम कर रहे स्टाफ को दफ्तर बुलाना चाहती है। गूगल के इस दफ्तर को बायोफिलिक कहा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि लोग प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं और इस दफ्तर में लोगों को इस तरह की सुविधा दी जा रही है। देश में बहुत सी कंपनियां कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद अब अपना दफ्तर खोलने की तैयारी कर रही हैं। इस हिसाब से इन कंपनियों के स्टाफ के लिए वर्क फार्म होम का चलन खत्म हो सकता है। इन कंपनियों में प्रोक्टर एंड गैंबल, विप्रो, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, यस बैंक और डेलाइट जैसी शीर्ष कंपनियां शामिल हैं। पिछले करीब डेढ़ साल से कंपनियां अपने स्टाफ को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दे रही हैं लेकिन अब कंपनियां अपने स्टाफ को दफ्तर बुलाने पर विचार कर रही हैं।

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