इंदौर। एमवाय अस्पताल की एक जूनियर डॉक्टर ने जिंदगी से हारकर आत्महत्या कर ली। वह तीन साल से एमजीएम मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के साथ इंटर्नशिप भी कर रही थी। मृतका के पास मिले सुसाइड नोट में उसने जिंदगी से हारने की बात लिखी है। साथ ही आई लव यू मम्मी-पापा भी लिखा है। दोस्तों के मुताबिक वह कई दिनों से डिप्रेशन में थी। वह मूल रूप से जबलपुर के नजदीक लखनौन (सिवनी) की रहने वाली थी। संयोगितागंज थाना टीआई तहजीब काजी ने बताया कि एमवाय अस्पताल से सूचना मिली थी कि डॉ. अपूर्वा पुत्री सुदर्शन गुलानी को बेसुध हालत में उनके साथी रविवार सुबह सवा नौ ब्जे के लगभग अस्पताल लेकर पहुंचे थे। वहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। अपूर्वा जावरा कंपाउंड स्थित जेडी गल्र्स हॉस्टल में रहती थी। वह मूल रूप से सिवनी के आजाद वार्ड नंबर दो राम मंदिर के पास रहती थी। अपूर्वा के पिता जबलपुर में वकील हैं। इसके साथ ही वह खेती भी करते हैं। छोटा भाई भी कॉलेज की पढ़ाई के साथ परिवार के काम में हाथ बंटाता है। पुलिस के अनुसार मृतका के हॉस्टल के कमरे में एनेस्थिसिय व अन्य ड्रग के इंजेक्शन मिले हैं। संभवत: ओवर डोज के चलते उसकी मौत हुई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि रविवार सुबह आठ बजे अपूर्वा की इमरजेंसी ड्यूटी में थी। लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं पहुंची थी। इसके चलते उसके साथी उसे लगातार कॉल कर रहे थे। पर वह रिसीव नहीं कर रही थी। काफी देर हो जाने पर साक्षी हॉस्टल में पहुंची। वहां अपूर्वा बिस्तर पर बेसुध पड़ी थी।