दिल्ली। नवंबर शादी का सालक शुरू हो रहा है। जो लोग होटल, मैरिजहाल, बैंकटहाल बुक करने मे लग गए है वे सावधान हो जाए । कयोकि अब शादी का खर्च 5 लाख से ऊपर होने पर जीएसटी देनी होगी। जो शादीवाले घरों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। मैरिज गार्डन, टेंट से लेकर बैंड सभी पर अलग से जीएसटी का भार आम लोगों पर डाली जा रही हैं, जिससे सभी का बजट बिगड़ सकता है। एक शादी में करीबन 5.5 लाख रुपए खर्च आ ही जाता है। जिस पर जीएसटी 96 हज़ार चुकानी पड़ेंगी। इसलिए सुविधाओं में कटौती कर अपनी जेब का ख्याल अवश्य रखिए। नई कर प्रणाली से शादियों का बजट बढ़ा है। शादी की सभी सेवाएं महंगी हो गई हैं। मध्यम वर्गीय परिवार की शादी में पहले की तुलना में करीब एक से डेढ़ लाख रुपये तक अधिक खर्च होंगे।यानी प्रति एक लाख रुपये के किराए पर 3 हजार रुपये अतिरिक्त देने पड़ेंगे। शादी को शानदार बनाने में टेंट की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शादी में दूल्हे और दुल्हन को अपनी पसंद के कपड़े खरीदने पर पांच फीसद जीएसटी व सिंगल पीस जिसकी कीमत एक हजारो मे है उस पर 12 फीसद जीएसटी है। इसके अलावा शादी-विवाह में लगने वाले अन्य कुछ घरेलू सामान जो जीएसटी के दायरे में आ चुके हैं।