साधना और आध्यात्म का भव्य और दिव्य केन्द्र है डोल आश्रम

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साधना और आध्यात्म का भव्य और दिव्य केन्द्र है डोल आश्रम

साधना और आध्यात्म का भव्य और दिव्य केन्द्र है डोल आश्रम
साधना और आध्यात्म का भव्य और दिव्य केन्द्र है डोल आश्रम

अल्मोड़ा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को लमगड़ा, अल्मोड़ा स्थित डोल आश्रम में श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम न्यास के श्री पीठम स्थापना महोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने 1100 कन्याओं का पूजन किया , माँ राजेश्वरी का अभिषेक तथा पूजा-अर्चना कर देश व प्रदेश की सुख समृद्वि की कामना की। मुख्यमंत्री ने पहलगाम हमले पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रहा है। हमारे सुरक्षाबलों ने इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा डोल आश्रम में आकर उन्हें हमेशा दिव्य ऊर्जा का अहसास होता है। बाबा कल्याणदास जी महाराज ने आश्रम में जिस प्रकार से श्रीयंत्र स्थापित किए हैं, वो आने वाले समय में भारतवर्ष के साथ सम्पूर्ण विश्व के लिए श्रद्धा का केंद्र बनेगा एवं इस आश्रम में शान्ति, आध्यात्म और संस्कृति को जानने के लिए विश्वभर से लोग आयेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन के माध्यम से समस्त मंदिरों को अवस्थापना सुविधाओं से जोड़ रही है , ताकि आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा डोल आश्रम, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ युवाओं को भारतीय संस्कृति के बारे में शिक्षित करने का महान कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका सम्पूर्ण विश्व में लहरा रहा है। उन्होंने कहा प्रदेश में संस्कृति संरक्षण हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्व है, इसके लिए सरकार कठोर धमार्न्तरण का कानून लेकर आयी है। उन्होंने कहा हमने लैंड जिहाद , लव जिहाद जैसी अनेक साजिशों पर कार्रवाई करते हुए अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा है। साथ ही समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश पहला प्रदेश बनने का गौरव उत्तराखंड ने हासिल किया है। सख्त नकल विरोधी कघनून ने प्रदेश के युवाओं को एक निष्पक्ष अवसर प्रदान किया है और प्रत्येक जिले के अभ्यर्थी अब चयन सूची में जगह बना रहे हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि डोल आश्रम को पूज्य महाराज कल्याणदास जी ने स्थापित किया। उनकी सोच के अनुरूप यह आश्रम धर्म, आध्यात्म, संस्कृति और शिक्षा क बड़े केन्द्र के रूप में आगे बढ़ रहा है एवं विकसित हो रहा है। उन्होंने महाराज जी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि उन्होंने सम्पूर्ण जीवन यहॉ के लोगों की सेवा एवं परमार्थ के कार्यों में लगाया। मुख्यमंत्री ने सभी को बुद्व पूर्णिमा की बधाई देते हुए महात्मा बुद्व के धर्म, शान्ति एवं अंहिसा के मार्ग पर चलने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर पूज्य महाराज कल्याणदास ने सभी उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी जन्मभूमि के लिए बेहतर कार्य करने होंगे। उन्होंने संस्कृत भाषा को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि जब तक संस्कृत हमारे हृदय में जीवित है , तब तक भारतीयता को कोई खतरा नहीं हो सकता ।

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