जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद दर्ज कर बैंक को किया नोटिस जारी
बैंक द्वारा नियत की गयी शिक्षा ऋण की 29845 की किस्त के स्थान पर 53715 की किस्त वसूलने के लिये किया दुरूपयोग
बैक द्वारा सरफेसी एक्ट का दुरूपयोग करके शिक्षा ऋण लेने वालेे के गारंटर व अन्य व्यक्तियों की सम्पत्तियांे पर अवैध रूप से कब्जा करने से हुये नुकसान के मुआवजे का मुकदमा जिला उपभोक्ता आयोग, उधमसिंह नगर में दर्ज किया गया है। आयोग ने, विपक्षी बैंक को नोटिस जारी करके अपना उत्तर 24 जनवरी 2022 तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
काशीपुर निवासी जसवीर सिंह नरूला की पत्नि कंवल जीत नरूला तथा पुत्र रौनक नरूला की ओर से उनके अधिवक्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने जिला उपभोक्ता आयोग उधमसिंह नगर में उपभोक्ता केस दायर किया हैै। जिसमें सरफेसी एक्ट का दुुरूप्रयोग करके अवैध रूप से फार्म की भूमि व कृषि यंत्रों पर कब्जा करने से हुये नुकसान का 25 लाख रूपये मुुआवजा दिलानेे की प्रार्थना की गयी हैै। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल सिंह तथा सदस्य नवीन चंदौैला व महिला सदस्या श्रीमति देवेन्द्र कुमारी तागरा के आदेश सेे विपक्षी बैंक काशीपुर अर्बन कोपरेेटिव बैंक को नोटिस जारी करके 24 जनवरी 2022 तक अपना उत्तर दाखिल करनेे का आदेश दिया हैै।
श्री नदीम द्वारा श्रीमति कंवलजीत नरूला व रौनक नरूला की ओर से उपभोक्ता आयोेग में प्रस्तुत परिवाद में कहा गया है कि काशीपुर अर्बन कोपरेटिव बैैंक लि0 के कर्मचारियों द्वारा बतायी गयी बैंक के शिक्षा ऋण की आकर्षक सुविधाओं से आकर्षित होकर 19 लाख रूपये का रौैनक नरूला की शिक्षा हेतु शिक्षा ऋण लिया गया था। इसके स्वीकृति पत्र दिनांक 21-10-12 के द्वारा मोरेटोरियम पीरियड के बाद 29845 की 84 समान किस्तों में इसे वापस किया जाना तय किया गया था। नवम्बर 2019 में बैंक द्वारा एग्रीमेंट द्वारा निर्धारित किस्त से अधिक रू. 53715 की दर से मासिक किस्त जो 72 माह तक देय होेगी की मांग की जानेे लगी। जिस पर ऋणी ने कभी कोई स्वीकृति नहीं दी। इस अधिक धनराशि को वसूलनेे के लिये सरफैसी एक्ट 2002 के प्रावधानोें का दुरूपयोेग करके परिवादीगण व उसके रिश्तेदारोें की सम्पत्तियों पर कब्जा प्राप्त करके उनकी बिक्री आदि की कार्यवाही शुरू कर दी जबकि इन पर सरफैसी एक्ट के प्रावधान लागू भी नहीं होते थे। परिवादी कृषक के कृषि यंत्र कब्जे में लेने से उसकी खेती व जीविकोपार्जन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। अनुचित व्यापारिक व्यवहार व सेेवा में कमी रूकवाने के लियेे अधिवक्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) के माध्यम सेे परिवादीगण द्वारा कानूनी नोटिस भिजवाया गया इस पर भी न तो उपभोक्ता सेवा में कमी व अनुचित व्यापारिक व्यवहार रोका गया औैर न ही मांगे गयेे नुकसान केे मुआवजे रू. 25 लाख का भुगतान किया गया।
इसके बाद श्री नदीम द्वारा उपभोक्ता आयोेग में 22 अक्टूबर 2021 को उपभोक्ता परिवाद प्राप्त कराया लेकिन उपभोक्ता आयोेग में अध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त होने के कारण उस पर सुनवाई नहीं हो सकी। नवम्बर के अन्त में अध्यक्ष के पद पर सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश सुरेन्द्र पाल सिंह तथा पुरूष सदस्य के पद पर पूूर्व अधिवक्ता नवीन चंदौैला तथा महिला सदस्या के पद पर पूर्व विभागाध्यक्ष व असिस्टेंट .प्रोफेसर सनातन धर्म कन्या डिग्री काॅलेज रूद्रपुर देेवेन्द्र कुमारी तागरा के कार्यभार ग्रहण करनेे के उपरान्त 01 दिसम्बर 2021 से जिला उपभोक्ता आयोेग का कोरम पूर्ण होने पर न्यायिक कार्य प्रारंभ हो पाया। गत 14 दिसम्बर 2021 को परिवादीगण के अधिवक्ता श्री नदीम की बहस सुनने केे उपरान्त केस सं0 44/2021 के रूप में इस केस को दर्ज करके आयोग के अध्यक्ष सुरेन्द्र पाल सिंह, पुरूष सदस्य नवीन चंदौला महिला सदस्या श्रीमति देवेन्द्र कुमारी तागरा की पीठ द्वारा विपक्षी बैंक को नोटिस जारी करने व अगली तिथि 24 जनवरी 2022 तक अपना उत्तर आयोग में दाखिल करनेे का आदेश दिया है।