सड़क पार कर रहा था तेंदुआ, वाहन की टक्कर से गड्ढे में जा गिरा

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-सुबह ग्रामीण टहलने निकले तो घायल तेंदुआ दिखा, पुलिस को दी सूचना
नूंह। तावडू उपमंडल के पढेनी गांव में केएमपी पर एक तेज वाहन की चपेट में आने से सड़क पार कर रहा तेंदुआ घायल हो गया। साथ ही घायल तेंदुआ फ्लाईओवर के साथ एक गड्ढे में जा गिरा। सुबह ग्रामीण टहलने निकले तो उन्हें घायल तेंदुआ दिखा। जिसकी सूचना ग्रामीणों द्वारा पुलिस को दी गई। गांव में तेंदुआ मिलने पर पुलिस व वन्यजीव विभाग टीम मौके पर पहुंची। वन्यजीव कर्मचारियों ने घायल तेंदुए को अपने कब्जे में लेकर उपचार के लिए रोहतक जू में भेज दिया है।
 ग्रामीणों ने बताया कि बताया कि सुबह 5 बजे के करीब जब वह सुबह टहलते हुए केएमपी फ्लाईओवर के पास पहुंचे तो उन्हें गड्ढे में तेंदुआ लेटा हुआ नजर आया। उन्होंने शोर मचाया तो अन्य ग्रामीण भी मौके पर एकत्रित हो गए। वहीं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए। सरपंच बिल्लू ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस द्वारा वन विभाग को सूचित किया गया। लगभग 8 बजे के करीब तावडू पुलिस व वन्यजीव विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंच गए।
वन्य जीव निरीक्षक राजेश चहल ने बताया कि विभाग के कंट्रोल रूम में सूचना मिलते ही दरोगा मुबीन सहित लगभग 10 सदस्यों की एक टीम पिंजरा व जाल लेकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि तेंदुआ किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आया था। तेंदुए को शरीर के पिछले हिस्से में टक्कर लगी थी जिसके कारण वह चहलकदमी नहीं कर पा रहा था और गंभीर रूप से घायल था। यह नर तेंदुआ लगभग 3 वर्ष का है और बहुत ही सुंदर व स्वस्थ है। मौके पर पहुंचे वन्यजीव कर्मचारियों ने उसे जाल में फंसा कर पिंजरे में ले लिया। उन्होंने बताया कि घायल तेंदुए को सुल्तानपुर लाया गया। जहां से उसे रोहतक चिड़ियाघर में उपचार के लिए भेज दिया गया है। वहां पर पर वन्यजीव चिकित्सकों द्वारा उसका उपचार किया जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि जल्दी तेंदुआ स्वस्थ हो जाएगा उसके बाद सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया जाएगा। वहीं विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी एमएस मलिक ने बताया कि वर्ष 2021 की शुरुआत में महेंद्रगढ़ जंगल में एक तेंदुआ मृत अवस्था में मिला था। उसके बाद गत अक्टूबर गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर वाहन की चपेट में आने से दूसरा तेंदुआ मिला था। उसकी भी बाद में मौत हो गई थी। तो वहीं अब वाहन की टक्कर में लगने से यह तीसरा मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्हें उम्मीद है कि सही तरीके से उपचार कर इसे बचा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अरावली क्षेत्र में तेंदुए की संख्या का पता लगाने के लिए जल्द ही जनगणना की जाएगी। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। वहीं वन्यजीवों को बचाने के लिए भी सरकार व विभाग द्वारा उचित प्रयास किए जा रहे हैं।

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