काशीपुर। स्वामी श्री हरि चैतन्य पुरी जी महाराज ने ए.एन.झा इंटर कालेज करनपुर गढीनेगी में उपस्थित विशाल भक््त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारी, हमारे परिवार, देश ,समाज की जो दुर्दशा हो रही है। विभिन्न प्रयास करने के बावजूद जिससे हम उबर नहीं पा रहे हैं। प्रयास करने के साथ साथ प्रभु से उनकी कृपा याचना से परिपूर्ण भाव सहित प्रार्थनाएँ अवश्य करनी चाहिए। परमात्मा हमारी वस्तुओं, पदार्थों, मान सम्मान इत्यादि का नहीं वह तो हमारी प्रेम व भावनाओं का भूखा है। प्रेम रहित दुर्याेधन के अतिथ्य को त्याग कर विदुर की कुटिया में रुख़ा साग व केले के छिलके भी प्रेम सहित स्वीकार करता है। भिलनी के खट्टे मीठे झूठे बेर में उसे जो स्वाद आता है ऐसा तो अयोध्या व जनकपुर के विभिन्न व्यंजनों में भी नहीं आता। हमें परमात्मा के प्रति विश्वास ही नहीं बल्कि दृढ़ विश्वास होना चाहिए। ईश्वर के प्रति मन में यदि संशय आ जाता है, तो उसके प्रति होने वाली भक्ति स्वतः ही नष्ट हो जाती है। इस दौरान श्रीगुरु महाराज, कांमा के कन्हैया व लाठी वाले भैया की जय जयकार से सारा वातावरण गूँज उठा। विराट धर्म सम्मेलन में देश भर के विभिन्न प्रांतों से लगातार हज़ारों की संख्या में श्र(ालु पहुँच रहे हैं ।