श्री हरि चैतन्यपुरी जी महाराज का किया भव्य स्वागत

काशीपुर। स्वामी श्री हरि चैतन्यपुरी जी महाराज ने गढीनेगी स्थित श्री हरिकृपा धाम आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मान प्राप्ति को लक्ष्य कभी नहीं बनाना चाहिए वरना कितना भी सम्मान प्राप्त होने के बावजूद थोड़े से कहीं से ना मिला तो भी क्षुब्ध ही रहेंगे। हर कार्य सोच समझ कर करना चाहिए। किसी से मित्रता करनी हो तो सोच विचार कर करनी चाहिए। क्रोध, अपमान, किसी का अनिष्ट अप्रिय व पाप कर्म करने में ज्यादा से ज्यादा देर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले का अपना ही नुकसान होता है। यदि दूसरा हमें नुकसान पहुंचाए तो हम बचाव की स्थिति अपनाएं आक्रमक दृष्टि ना होने दें। क्षमाशील बनें। क्षमा कायरों का नहीं अपितु वीरों का आभूषण है। मानव पर जगत व जगतपति दोनों का अधिकार है। लेकिन मानव का इन पर अधिकार मानना अज्ञानता है। अपने धाराप्रवाह प्रवचनों से उन्होंने सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध व भावविभोर कर दिया। सारा वातावरण भक्तिमय हो गया व हरिबोल की धुन में सभी भक्तजन झूम झूम कर नाचने लगे। श्री हरि कृपा धाम आश्रम पधारने पर महाराजजी का क्षेत्रीय, स्थानीय व दूरदराज से आए भक्तजनों ने ढोल, बैण्ड, बाजे के साथ फूल मालाएं पहनाकर, पुष्प वृष्टि करते हुए पूर्ण धार्मिक रीति से भव्य व अभूतपूर्व स्वागत किया।