अनिल शर्मा
ठाकुरद्वारा ( मुरादाबाद )
तहसील स्थित प्राचीन शिव मंदिर में चल रही नौ दिवसीय शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथावाचक आचार्य नरेंदानंद सरस्वती महाराज ने माता अहिल्या कथा का विस्तार से मनोहर वर्णन किया। वर्णन सुन श्रद्धालु झूम उठे ।
बुधवार को कथा के दौरान कहां की श्रावण मास में शिव महापुराण कथा सुनने मात्र से मनुष्य चिंतन मुक्त हो जाता है। उसको किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं भोगना पड़ता । हर हर महादेव ऊँ नमः शिवाय: के प्रातः कालीन मंत्र का उच्चारण अवश्य करें । मंत्र का उच्चारण करने के के बाद मनुष्य अपने आप को हल्का महसूस कर एक ऊर्जावान शक्ति का एहसास करता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोगों में आजकल भ्रांतियां चल रहे हैं पितृदोष आदि बताकर परेशान किया जाता है । जो परिवार अपने पूर्वजों को हमेशा याद रखते हैं उनके प्रति श्रद्धा भाव और श्राद्ध मास में उनके भोजन आदि की अच्छे तरीके से व्यवस्था करते हैं उन्हें किसी भी प्रकार का पितृत्व से नहीं होता । जिस प्रकार से परिवार के सदस्य महीने 2 महीने के लिए अपने पर बच्चों के साथ चले जाते हैं दो-चार 6 दिन बाद बच्चे क्या बड़े भी कहने लगते हैं कि अपने घर चलो घर की याद आ रही है चाहे आप कितने आलीशान वीआईपी होटल में क्यों ना रह रहे हैं अपने घर पर एसी पंखों की सुविधा भले ही ना हो डबल गधों की सुविधा ना हो चारपाई पर तखत पर दिया जमीन पर सोना पड़ता है लेकिन घर की याद अवश्य आती है इसी तरह पूर्वजों को भी अपने घर की याद आती है इसलिए भ्रमित ना हो श्राद्ध मास में अच्छे से भोजन बनाकर को को को भोजन खिलाए गरीबों को दान करें । इसी के साथ उन्होंने कन्यादान सबसे बड़ा महादान बताया । कहा जो पिता अपनी बेटी का कन्यादान नहीं कर पाता उसको 94 नर्क भोगने पड़ते हैं उन्होंने कथा में आई उपस्थित महिलाओं पर कन्याओं कहां की बहन इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि पिता के हाथों अपना कन्यादान अवश्य कराएं । अन्यथा पिता को 94 नरक भोगने पड़ेंगे । कथा के अंत में भजन कीर्तन के बाद प्रसाद वितरण भी किया गया कथा में अधिवक्ता अशोक गहलोत रजनीश प्रताप सिंह ,ट्विंकल चौहान ,संजीव अग्रवाल ,हीरालाल, रवि प्रकाश अग्रवाल, लक्ष्मीचंद ,मास्टर यशपाल सिंह, ओमवती शर्मा, रेखा गहलोत ,मीनाक्षी ,अर्चना, विमला देवी ,जागेश्वरी देवी. दीपिका आदि ने भाग लिया ।