हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के उपमंडल बड़सर की ग्राम पंचायत सठवीं में अंतिम संस्कार के लिए एक मुर्दे को श्मशान घाट पर लाया गया तो वहां जमकर हंगामा हुआ। कॉलेज का एक रिटायर्ड प्रिंसिपल श्मशान घाट की भूमि को अपनी मिल्कियत होने का हवाला देकर अंतिम संस्कार ना होने देने की जिद्द करने लगे। उसका कहना था कि यह मेरी निजी भूमि है तथा यहां में अंतिम संस्कार किसी भी कीमत पर नहीं होने दूंगा। शव का अंतिम संस्कार केवल वहीं किया जा सकता है जहां जगह निर्धारित की गई है।
ग्रामीणों का कहना था कि जिस जगह श्मशान घाट बनाया गया है, वहां का ढांचा बरसात के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। वहां पर अंतिम संस्कार करना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए उसके पास ही खुली भूमि पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। लोगों का कहना था कि यहां पर सदियों से अंतिम संस्कार किया जाता है तथा आज तक किसी प्रकार का विवाद नहीं हुआ। लेकिन आज एक व्यक्ति द्वारा दुख की इस घड़ी में यहां पर विवाद पैदा कर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। इस विवाद के कारण सूचना देने के बाद पुलिस को भी मौके पर बुला लिया। काफी मान मनव्वल के बाद अंत में विरोध करने वाले व्यक्ति अंतिम संस्कार करवाने देने के लिए राजी हो गए। इन्वेस्टिगेटिंग ऑफीसर राकेश कुमार का कहना है कि पुलिस मौके पर पहुंची थी तथा लोगों को समझा-बुझाकर शांत करवाया गया। अंतिम संस्कार का विरोध करने वाले कर्म चंद राणा व ग्रामीणों को समझाने के बाद अंतिम संस्कार सुचारू रूप से किया गया।