वैज्ञानिकों को नाखून के बराबर की मछली मिली

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वैज्ञानिकों को नाखून के बराबर की मछली मिली लंदन । वैज्ञानिकों को दुनिया की सबसे छोटी मछली मिली है, जिसकी चैड़ाई वयस्क मानव के नाखून के बराबर है। लेकिन आवाज सुनकर आप भी कांप उठेंगे। पिद्दी सी दिखने वाली यह मछली बंदूक की गोली से भी तेज आवाज निकालती है। कोई भी इसे सुनकर कांप उठेगा।
जानकारी के मुताबिक बर्लिन के वैज्ञानिकों को म्यांमार की नदियों में एक अनोखी मछली नजर आई। डेनियोनेला सेरेब्रम नाम की यह मछली सिर्फ 12 मिलीमीटर लंबी है और पूरी तरह पारदर्शी नजर आती है। लेकिन पिद्दी सी यह मछली 140 डेसिबल से अधिक तेज आवाज निकाल सकती है। यह आवाज बंदूक की गोली, एंबुलेंस सायरन और जैक हैमर से भी तेज है। आमतौर पर ये माना जाता है कि जानवर जितना बड़ा होगा, उसकी आवाज भी उतनी ही ज्‍यादा होगी, लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक, अपने आकार के हिसाब से यह अब तक पाई गई सबसे तेज आवाज वाली मछली है। जलीय जीवों में सबसे तेज आवाज पिस्तौल झींगा की मानी जाती है, जो लगभग 200 डेसिबल तक आवाज निकाल सकता है। ऐसा वह शिकार को डराने के लिए करता है। वैज्ञानिकों ने जब इसे देखा तो उठाकर बर्लिन ले आए, और रिसर्च के दौरान उन्‍हें अजीब चीज नजर आई।
 एक रिसर्च की मुख्‍य लेखक वेरिटी कुक ने कहा, डेनियोनेला सेरेब्रम की आवाज इतनी तेज है  कि मछली के टैंकों के पास से अगर आप गुजरें तो आवाज सुनकर डर जाएंगे। यह असाधारण है, क्योंकि मछलियां बहुत छोटी हैं और आवाज बहुत तेज। पहले तो उन्‍हें समझ ही नहीं आया कि इतनी तेज आवाज कहां से आ रही है। फिर जब उन्‍होंने माइक्रोफोन और हाई-स्पीड वीडियो रिकॉर्डिंग का उपयोग किया तो मछलियों की आवाज समझ आ गई। मछलियों की आवाज का ज्‍यादातर हिस्‍सा पानी में वापस परावर्तित हो जाता है। इसलिए जब आज मछली के टैंकों के पास खड़े होते हैं, तो पानी में कंपन देख सकते हैं। कुक ने कहा, मुझे इस आकार का कोई दूसरा जानवर नहीं मिला जो इतनी तेज आवाज निकालता हो।
 कुक के मुताबिक, हड्डी वाली सभी मछलियों में एक तैरने वाला मूत्राशय होता है। एक गैस से भरा अंग जो उन्हें पानी के नीचे रहने में मदद करता है। खास बात, इस मछली में केवल नर ही आवाज निकालते हैं। मादा मछलियां ऐसा नहीं करतीं। हो सकता है कि म्‍यांमार की नदियों में जो पानी है, उसकी वजह से इन मछलियों में यह प्रवृत्‍त‍ि पैदा हुई हो। कई मछलियां ध्वनि उत्पन्न करने के लिए इस मूत्राशय पर ड्रम बजाने के लिए अपनी मांसपेशियों का उपयोग करती हैं लेकिन डैनियोनेला इनसे कई कदम आगे है। यह अपनी मांसपेशियों को सिकोड़ती है, तो ये पसलियों को खींचती हैं, जिससे मांसपेशियों के अंदर हड्डी से टकराती है। वहीं से आवाज निकलती है।

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