विपक्ष की आवाज दबाने के लिए पुलिस का सहारा ले रही सरकार: अलका पाल

काशीपुर। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री एवं प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति, पीसीसी सदस्य अलका पाल ने कहा कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान जिला पंचायत के पांच सदस्यों के अपहरण की और उनकी बरामदगी को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में किए गए विरोध प्रदर्शन से बौखला कर भाजपा सरकार के इशारे तल्लीताल थाने में कांग्रेसी नेताओं पर दर्ज की गई रिपोर्ट अफसोस का विषय है।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हिरदेश, विधायक भुवन कापड़ी ओर पूर्व विधायक संजीव आर्य एवं अन्य के खिलाफ बीएनएस मुकदमा दर्ज कर सरकार अपनी तानाशाही का परिचय दे रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अब विपक्ष की आवाज दबाने के लिए खुलेआम पुलिस का सहारा लिया जा रहा है। अलका पाल ने कहा कि पंचायत चुनावों में हुई धांधली, गुंडागर्दी, अपहरण व गोलीबारी की घटनाओं से ऐसा लगता है कि अब विपक्ष को चुनाव लड़ने से भी रोका जाएगा। भाजपा सरकार ने पंचायत चुनावों में पहले ही 7 महीने की देरी की, फिर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए आरक्षण में भी मनमानी की। उन्होंने नैनीताल, बेतालघाट और रुद्रप्रयाग की घटनाओं का ज़िक्र करते हुआ बताया कि किस तरह अपराधी खुलेआम अपहरण व फायरिंग करते रहे जबकि प्रशासन और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। उन्होंने राज्य निर्वाचन आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग करते हुए लचार कानून व्यवस्था पर तीखा प्रहार किया ।