Aaj Ki Kiran

रात 10 बजे के बाद कोच में तेज आवाज में बात करना, यहां लाइट जलाने पर होगी कार्रवाई

Spread the love

 
नई दिल्ली। आप यदि ट्रेन में यात्रा करते हैं, तब इस समस्या से हमेशा दो-चार हुए हो सकते है। आपके आसपास कोई यात्री अपने मोबाइल फोन पर तेज आवाज में गाने सुन रहा होगा। कोई यात्री तेज आवाज में मोबाइल फोन पर बातचीत कर रहा होगा। यही नहीं, दो तीन यात्री तेज आवास में बहस भी करने लगते हैं। कोई यात्री रात में 10 बजे क बाद भी लाइट ऑन रखते हैं। अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे।इस बारे में रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे के नाम एक चिट्ठी भेज दी है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इस तरह की काफी शिकायतें मिल रही हैं। लेकिन अभी तक इस बारे में कोई नियम नहीं था। अब यात्री सुविधा का ध्यान रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया गया है। अगर लोग इस तरह की शिकायत करते हैं,तब रेलवे इसतरह के लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। इतना ही नहीं ट्रेन स्टाफ की जवाबदेही भी तय होगी।
उस अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में रेल मंत्रालय ने सभी जोनों को आदेश जारी कर दिया है। सभी जोनल रेलवे को कहा गया है कि इस निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू करें। साथही कहा गया है कि इस निर्देश को लागू करने में कोई जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। ऐसा न हो कि इस निर्देश के बहाने यात्रियों का उत्पीड़न हो। यात्रियों की अक्सर शिकायत रहती थी कि सह-यात्री फोन पर जोर से बात करते हैं, या संगीत सुनते हैं। ऐसी भी शिकायतें थीं कि रात में कोच में बैठा एक समूह जोर-जोर से बात कर रहा था। ऐसी भी शिकायतें थीं किरेलवे का एस्कार्ट या मेंटनेंस का कर्मचारी जोर से बात करते हैं। इससे यात्रियों की नींद खराब होती है। साथ ही रात में लाइट जलाने को लेकर भी यात्रियों के बीच झगड़ा होता है।
रात 10 बजे के बाद के दिशा-निर्देश इस प्रकार हैंरू-
कोई भी यात्री इतनी तेज आवाज में फोन पर बात नहीं करेगा या तेज म्यूजिक नहीं सुनेगा, जिससे साथी यात्री परेशान हो जाए।नाइट लैंप को छोड़कर सभी लाइटें रात में बंद करनी होगी, ताकि साथी यात्री इससे परेशान न हों।
ग्रुप में चलने वाले यात्री अब ट्रेन में देर रात तक बात नहीं कर पाएंगे। सह-यात्री की शिकायत पर कार्रवाई की जा सकती है।टीटीई जैसे चेकिंग स्टाफ, आरपीएफ के जवान, इलेक्ट्रीशियन, कैटरिंग स्टाफ और मेंटेनेंस स्टाफ रात में अपना काम शांतिपूर्वक करेंगे ताकि लोगों को परेशानी न हो। साथ ही रेलवे के कर्मचारी 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, विकलांगों और अविवाहित महिलाओं की जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *