काशीपुर। राजस्थान सरकार पर हिन्दुओं का उत्पीड़न, 300 वर्ष पुराने मन्दिरों को गिराया जाना, गौशाला ध्वस्त करना, हिन्दू आस्थाओं पर चोट करने की बात कहते हुए धर्मयात्रा महासंघ ने राजस्थान सरकार को भंग किये जाने हेतु राष्ट्रपति को उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि राजस्थान में अलवर के राजगढ़ में हिन्दू समाज की आस्था और विश्वास का केन्द्र 300 वर्ष पुराने मन्दिरों को बुलडोजर चलाकर तुड़बाना, भगवान शंकर के शिवलिंग को कटर से काटना, दूसरी मूर्तियों को खंडित करना, बजरंजबली की प्रतिमा को तोड़ना और कचरे के ढ़ेर पर फेंकना, गौशाला ध्वस्त करना, हिन्दू धर्म पर आस्था और विश्वास रखने वाले करोड़ों शिवभक्त हिन्दू धर्माबलम्बियों और गौ भक्तों का उत्पीड़न है। हम काशीपुर के असंख्य शिवभक्त, बजरंगबली के पुजारी गोभक्त, राजस्थान सरकार की हिन्दू विरोधी अन्यायपूर्ण कार्यवाही की कड़े शब्दों में घोर निंदा और भर्त्सना करते हैं। हम सभी का एकमत दृढ़ विश्वास है कि अलवर में हिन्दुओं का उत्पीड़न जहांगीरपुरी दिल्ली की हिंसात्मक घटना की पुनरावृत्ति ही है। हम सभी का मानना है कि इस देश और विदेश में रहने वाला हिन्दू जनमानस राजस्थान सरकार द्वारा एक वर्ग विशेष को लुभाने के लिये की गई हिन्दू विरोधी मानसिकता से प्रेरित कार्यवाही के लिये कभी क्षमा नहीं करेगा। अलवर में हिन्दू मन्दिरों और गौशालाओं की तोड़फोड़ के विरोध में सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जाते। अलवर में जिस प्रकार हिन्दूओं के 300 वर्ष पुराने मन्दिरों को तहस नहस किया गया है उससे दिल्ली सल्तनत और मुगलिया शासन काल में हिन्दूओं पर हुए अत्याचारों के जख्म हरे हो गये हैं। उन्होंने राजस्थान सरकार को तुरन्त भंग किये जाने की मांग की है, जिससे भविष्य में ऐसी गतिविधियों की पुनरावृति न हो सके। ज्ञापन देने वालों में कृष्ण कुमार अग्रवाल, संजय भाटिया, गुरविन्दर सिंह चण्डोक, राजेन्द्र प्रसाद राय, डॉ. महेश अग्निहोत्री, एड. सुजीत शाह, एड. सोनल सिंघल, क्षितिज अग्रवाल, अश्वनी शर्मा, एड. देवेन्द्र कुमार सक्सैना, एड. विपिन कुमार अग्रवाल, अनिल शर्मा, चन्द्रभान सिंह, मदन मोहन गोले, राजपाल, सचिन शर्मा, अशोक चिकारा, सूरज पाल सिंह आदि शामिल हैं।