काशीपुर। काशीपुर डेवलपमे़ट फ़ोरम के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में मुलाकात कर उन्हें काशीपुर की समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने बेहद गंभीरता से सभी समस्यायें सुनीं। केडीएफ़ ने सर्वप्रथम मुख्यमंत्री को काशीपुर आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। तदुपरांत काशीपुर की विभिन्न समस्यायें जिनमें द्रोणासागर की डीपीआर, लक्ष्मीपुर माइनर (गूल), शुगर फ़ैक्ट्री, बाजपुर रोड, रामनगर नहर लिंक मार्ग, २७ नालियों हेतू नगर निगम को मार्जिन दिया जाना, फ़्लाइओवर कार्य समय से पूर्ण करने व उसकी जाँच की माँग की गई। द्रोण माइनर को पुनः पूर्व की भाँति ताल से जोड़ते हुए द्रोणासागर के ताल को बिना रुकावट के भरने हेतू नियम बनाना। गोविषाण को पुरातत्व के “ए” श्रेणी जो कि ताजमहल की है को “सी” श्रेणी में करना जिससे १०० मीटर से ज़्यादा की दूरी पर निर्माण के प्रतिबन्ध से मुक्त किया जाना, पुरातत्व द्वारा द्रोण प्रतिमा व पंचतत्व मंदिर जिनके दर्शन सदियों से किये जाते रहे हैं, को बंद किया गया है को खोलने, गिरीताल की डीपीआर को शीघ्र घोषणा करने, महुआखेड़ा की सड़कों का निर्माण, आल इंडिया इंडक्शन फ़र्नस एससोसिशन के अध्यक्ष व केडीएफ़ के उपाध्यक्ष देवेन्द्र अग्रवाल द्वारा जीएसटी में बोगस बिलों से आ रही समस्याओं के विषय में भी अवगत कराया व उक्त विषय को जीएसटी काउंसिल में रखने के लिये सुझावों के साथ प्रतिवेदन दिया। आईआईएम रामनगर की गत 6 वर्षों से टूटी सड़क का निर्माण आदि समस्याओं पर गहन चर्चा के बाद स्वीकृत किया। मुख्यमंत्री श्री धामी ने काशीपुर नगर निगम को और अधिक कार्यशील बनाने के लिये आईआईएम एक प्रभावी कार्ययोजना मॉडल के रूप में विकसित करने पर सहमति दी। आईआईएम रोड की स्वीकृति केडीएफ़ की एक बहुत बढ़ी सफलता है। केडीएफ़ को पूर्ण उम्मीद है की मुख्यमंत्री काशीपुर आगमन पर द्रोणासागर, गूल व अन्य लम्बित डीपीआर की घोषणा करेंगे। केडीएफ़ के अध्यक्ष राजीव घई के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से मिलने वालों में देवेन्द्र अग्रवाल, पवन अग्रवाल, शरद गोयल, दिलप्रीत सिंह सेठी, अरुण शर्मा, आयुषि नागर, अपूर्व जिंदल, अनिल तनेजा, प्रतीक जिंदल, वीरेन्द्र कालरा शामिल थे। मुख्यमंत्री के बाद प्रतिनिधिमंडल डीजीपी अशोक कुमार, डीआईजी निलेश आनंद भरने, कृषि सचिव मीनाक्षी सुंदरम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अभिनव कुमार से भी मिला। साथ ही मुख्य सचिव को सभी प्रतिवेदन की प्रति प्रेषित की।