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मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में अब तक 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवितय 32 लाख के चेक वितरित किये

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मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में अब तक 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवितय 32 लाख के चेक वितरित किये

मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में अब तक 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवितय 32 लाख के चेक वितरित किये
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में अब तक 90 बालिकाओं की शिक्षा पुनर्जीवितय 32 लाख के चेक वितरित किये

देहरादून। जिला कार्यालय परिसर देहरादून में प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा के 10वें संस्करण का आयोजन में मुख्य अतिथि विधायक राजपुर खजान दास एवं जिलाधिकारी सविन बंसल ने गरीब, अनाथ और असहाय बालिकाओं को स्नातक, स्नातकोत्तर और कौशल शिक्षा में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 32 बालिकाओं को 13 लाख सहायता धनराशि के चेक वितरित किए गए। मुख्य अतिथि राजपुर विधायक खजान दास ने जनहित में संचालित प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा को अभिनव पहल बताते हुए जिला प्रशासन की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि मां भवानी के नाम से शुरू इस प्रोजेक्ट से अब तक जिले में लगभग 32 लाख रू0 से 90 असहाय, निर्धन एवं अनाथ बालिकाओं की शिक्षा दोबारा से पुनर्जीवित हुई है। इस दौरान विधायक ने नंदा सुनंदा के तहत लाभान्वित हो रही बेटियों को सहायत राशि चेक प्रदान करते हुए उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने जिलाधिकारी के विभिन्न जनहित के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जब कार्य सराहनीय हों तो सराहना तो होनी ही चाहिए। उन्होंने विभिन्न प्रोजेक्ट सहित जनता दर्शन में किये जा निर्णयों की सराहना की तथा कहा कि अभिभावक बच्चों की रूचि न घटायें। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा का यही उद्देश्य है कि पात्र बालिकाओं की शिक्षा को पुनर्जीवित किया जा सके। हमारे वास्तविक जीवन की नंदा-सुनंदा ये बालिकाएं ही हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाएं अपनी शिक्षा की स्पार्क को बनाये रखें तथा लक्ष्य प्राप्ति के लिए कड़ी मेहनत करें जब हम लक्ष्य निर्धारित कर रास्ते पर निकल पड़ते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं आगे की ढगर में कहीं न कही सहयोग प्राप्त होता है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में निर्धन, अनाथ, असहाय और आर्थिक तंगी के कारण बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड चुकी बालिकाओं की शिक्षा को पुर्नजीवित करने के लिए जिले में प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा लाया गया है। जीवन में सफलता के लिए शिक्षा सबसे बडा हथियार है। उन्होंने निर्धन असहाय बेटियों को प्रोत्साहित करते हुए जीवन में आगे बढ़ने की चिंगारी को हमेशा जिंदा रखने का आवाह्न किया। डीएम ने बेटियों से कहा कि जो इच्छा शक्ति है, उसको बनाए रखे। किसी भी परिस्थिति में निराश ना हो। यदि जीवन में कुछ बनने का लक्ष्य तय है तो कही न कही से मदद अवश्य मिलती रहेगी। डीएम ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपनी बेटियों को प्रोत्साहित करते रहे, उनको आगे बढ़ाने में हर संभव मदद करें और एक सशक्त समाज निर्माण में योगदान करें।