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मादक पदार्थों के तस्करों से जुड़ा देश का पहला पोर्टल शुरू

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नई दिल्ली । देश में मादक पदार्थ-रोधी कानूनों को लागू कराने की जिम्मेदारी संभालने वाली विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के लिए अपनी तरह का पहला पोर्टल शुरू किया गया है। इस पोर्टल के जरिए कोई भी एजेंसी देश के किसी भी हिस्से से मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े किसी भी अपराधी का इतिहास, अपराधी की निजी जानकारी, उंगलियों के निशान और अदालती मुकदमों का विवरण हासिल कर सकती है।
‘निदान’ या ‘राष्ट्रीय एकीकृत डेटाबेस ऑन अरेस्टेड नार्को-ऑफेंडर्स’ को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने विकसित किया है। यह स्वापक समन्वय तंत्र (एनसीओआरडी) पोर्टल का हिस्सा है जिसे गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में 30 जुलाई को शुरू किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निदान आंकड़े आईसीजेएस (इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम) और ‘ई-प्रीजन’ पंजी से लेता है तथा इसकी योजना इसे अपराध और अपराधियों की निगरानी की नेटवर्क प्रणाली या सीसीटीएनएस से जोड़ने की है।
उच्चतम न्यायालय की ई-समिति की पहल आईसीजेएस को इसलिए बनाया गया है, ताकि आपराधिक न्याय तंत्र जैसे कि अदालतों, पुलिस, जेल और फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के विभिन्न स्तंभों के बीच आंकड़ों और सूचना का निर्बाध आदान-प्रदान किया जा सकें। एनसीबी के महानिदेशक एस  एन प्रधान ने बताया निदान मादक पदार्थो के सभी तस्करों से संबंधित आंकड़ों को एक ही मंच पर उपलब्ध कराता है तथा यह मादक पदार्थों से जुड़े मामलों की जांच करते समय एजेंसियों को प्रभावी उपकरण के तौर पर मदद करेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा पोर्टल बनाने का उद्देश्य मादक पदार्थ संबंधी अपराधों के खिलाफ काम कर रही कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता को बढ़ाना है।
निदान में उन आरोपियों के आंकड़े हैं, जिन्हें मादक पदार्थ संबंधी अपराधों को लेकर गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया तथा जो मादक पदार्थ खरीदने, बेचने, अपने पास रखने, कहीं ओर भेजने, भंडारण करने, इस्तेमाल करने, अंतर-राज्यीय आयात तथा निर्यात, भारत में आयात तथा भारत से निर्यात करने में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है।

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