नालंदा । मिठाई और मोबाइल चोरी मामले में किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी ने अहम फैसला सुनाकर महज 15 दिनों में फैसला सुनाकर किशोर को आरोपों से बरी कर दिया।साथ ही कोर्ट ने आरा के जिला बाल संरक्षण इकाई को बालक की उचित देखभाल करने की निर्देश दिया है।न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्रा ने मिठाई चोरी पर कहा कि माखन चोरी बाल लीला,तब मिठाई चोरी अपराध कैसे हुआ? मामले मे केस दर्ज करनेवाले थानाध्यक्ष को चेतावनी देकर कहा कि छोटे-मोटे अपराध में किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से बचें। उन्हें समाज के मुख्यधारा में लाने की प्रयास करें।किशोर पर केस दर्ज करने वाली महिला को बच्चों के प्रति सहिष्णुता और सहनशीलता बनने की नसीहत देकर जज ने कहा कि उसका अपना बेटा अगर मिठाई, पैसे, मोबाइल चुराता तो वह क्या उस भी पुलिस को सौंप देती, या फिर उस समझाती?
बताया जाता है कि आरोपी किशोर आरा जिले के एक गांव का रहने वाला है। वह घटना समय अपने ननिहाल हरनौत प्रखंड क्षेत्र के गांव आया हुआ था। गुरुवार को प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मिश्रा ने मामले की सुनवाई कर किशोर से पूरे मामले पर पूछताछ की। इस दौरान किशोर काफी डरा हुआ था।जब बालक को समझाया गया तो वह फफक-फफक कर रोने लगा और आपबीती सुनाते हुए अपने परिवार की स्थिति बयां की।
किशोर के पिता काफी दिनों से रोग ग्रस्त हैं, जबकि मां मानसिक रूप से विक्षिप्त है। परिवार में आमदनी का कोई साधन नहीं है।घटना के समय वह अपने ननिहाल में था।मामा और नानी का भी मौत हो चुकी है। घटना के समय किशोर काफी भूखा हुआ था और एक पड़ोस के मामी के घर चला गया।वहां भूख मिटाने के लिए फ्रिज में रखी मिठाई खा लिया और बालपन के कारण फ्रिज पर रखा मोबाइल लेकर गेम खेलने लगा।इसके बाद शिकायतकर्ता महिला ने मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पुलिस के समक्ष पेश किया।