काशीपुर। भारतीय प्रबंधन संस्थान काशीपुर में सार्वजनिक नीति और प्रशासन उत्कृष्टता केंद्र ने भारत में महिलाओं के लिए न्याय और फास्ट ट्रैक कोर्ट यह विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। सेमिनार राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा प्रायोजित थी।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेखा शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि “महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों को अक्सर महत्वपूर्ण देरी के उपाय के रूप में प्रस्तावित किया गया था जो भारत में नियमित अदालतों के संचालन को प्रभावित करती है।” उन्होंने कहा कि भारत में फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों के इतिहास, उनके अधिकार क्षेत्र, फायदे और नुकसान और अन्य देशों में समान अदालतों के कामकाज की जांच करना और भारत में उनके संचालन को बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव देना महत्वपूर्ण है। संगोष्ठी में भारत भर के विश्वविद्यालयों के दो सौ से अधिक प्रतिनिधियों, छात्रों, शोध विद्वानों, अधिवक्ताओं और संकाय ने भाग लिया। उद्घाटन भाषण अलबामा विश्वविद्यालय ;अमेरीकाद्ध के प्रोफेसर अखलाक हक द्वारा दिया गया, जिन्होंने अमेरिका में न्याय प्रणाली से उदाहरण प्रस्तुत किए। एससी गुड़िया कॉलेज ऑफ लॉ काशीपुर और वासुदेव कॉलेज ऑफ लॉ, हल्द्वानी के प्रोफेसरों, छात्रों के अलावा अन्य राज्यों के कई आमंत्रित शोधकर्ताओं सेमिनार में कई शोध पत्र प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में कानून, न्यायपालिका और कानूनी पेशे के प्रख्यात विशेषज्ञों ने भाग लिया और विषयगत भाषण दिए। इन विशेषज्ञों में शामिल थे चंद्र शेखर जोशी, डॉ. दीपिका गुड़िया आत्रेय, प्रो. हेमलता सैनी, प्रो. अरशद हुसैन, प्रो. राजेश सिंह, प्रो. शिव नारायण सि(, प्रो. अमदुद्दीन अहमद, प्रो. रवींद्र सैनी, प्रो. एम नासिर प्रमुख आदि थे।