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भारी विद्युत कटौती की संभावना के संबंध में उद्यमी योगेश जिन्दल ने लिखा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को पत्र

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काशीपुर। गलबलिया इस्पात उद्योग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक योगेश जिंदल ने केंद्रीय ऊर्जा न्यू एवं रिन्यूवल एनर्जी मंत्री आरके सिंह को उत्तराखंड में एक मार्च से विद्युत शक्ति की भारी कटौती की संभावना के संबंध में पत्र लिख कर उनसे इस बाबत उचित निर्णय लिए जाने की गुहार लगाई है। उद्योगपति श्री जिंदल ने इस पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री कार्यालय सहित मुख्यमंत्री उत्तराखंड, सांसद नैनीताल को भी प्रेषित की है।
केंद्रीय ऊर्जा न्यू एवं रिमूवल एनर्जी मंत्री आरके सिंह को भेजे पत्र में उद्योगपति श्री जिंदल ने लिखा है, कि उन्हें मीडिया के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि 1 मार्च से उत्तराखंड में विद्युत शक्ति की अनुपलब्धता के कारण उद्योग व्यापार व कृषि के लिए भारी कटौती की संभावना है। पत्र में लिखा गया है कि उत्तराखंड में हरित ऊर्जा के लिए गैस आधारित विद्युत संयंत्र स्थापित किए गए थे, जो कि कम चल रहे हैं या बंद पड़े हैं, अर्थात राष्ट्रहित में इनकी विद्युत उत्पादन क्षमताओं का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में यह भी जानकारी मिली है कि केंद्र और राज्य सरकार बैठक के माध्यम से गैस आधारित ऊर्जा संयंत्र चलाने पर विचार विमर्श करेंगे। इन गैस संयंत्रों को राष्ट्रहित में चलाना अति आवश्यक है, ऐसा हम महसूस करते हैं। इनसे उत्पादित विद्युत लागत केवल उत्तराखंड सरकार ही नहीं अपितु संपूर्ण देश के विद्युत उत्पादन पर की जानी चाहिए। क्योंकि उत्तराखंड में हिमालय क्षेत्र पर्यावरण के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। श्री जिंदल ने पत्र के माध्यम से केंद्रीय मंत्री से इस बाबत महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए गुहार लगाई है। उधर उद्योग सलाह शकील अहमद सिद्दीकी ने भी इस बाबत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों आदि इस बाबत पत्र भेजा है।

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