भारत में पहली बार फिरोजाबाद में हाई तकनीकी वाले पैराशूट होंगे तैयार

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भारत में पहली बार फिरोजाबाद में हाई तकनीकी वाले पैराशूट होंगे तैयार

भारत में पहली बार फिरोजाबाद में हाई तकनीकी वाले पैराशूट होंगे तैयार
भारत में पहली बार फिरोजाबाद में हाई तकनीकी वाले पैराशूट होंगे तैयार

फिरोजाबाद। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो द्वारा गगनयान मिशन की तैयारी हो रही है, जिसके लिए फिरोजाबाद में आयुध उपस्कर निर्माणी द्वारा हाई तकनीकी वाले पैराशूट तैयार किया जा रहे हैं, जो गगनयान मिशन को पूरा करने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी  पर सॉफ्ट लैंडिंग कराएंगे। यह पैराशूट एकदम सुरक्षित है। इससे पृथ्वी पर लैंडिंग करने में न केवल मदद मिलेगी। बल्कि कोई जनहानि भी नहीं होगी। फिरोजाबाद में तैयार हो रहे इन पैराशूट को जल्द ही इसरो को सौंपा जाएगा। यह पैराशूट नायलॉन टेक्नोलॉजी से तैयार हो रहा है। आयुध उपस्कर निर्माणी के एक अधिकारी बताया कि इसरो द्वारा शुरू किया जा रहे गगनयान मिशन के लिए हाई टेक्नोलॉजी के साथ पैराशूट बनाए जा रहे हैं। अभी तक भारत में इस तरह के पैराशूट का किसी भी मिशन में इस्तेमाल नहीं किया है। पृथ्वी के वातावरण में आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की लैंडिंग फिरोजाबाद में बनने वाले इन पैराशूट के जरिए होगी। अभी तक तैयार होने वाले सभी पैराशूटस में सबसे उच्च कोटि के यह पैराशूटस तैयार किए जा रहे हैं। पैराशूट के बनने के बाद उनकी क्वालिटी को तीन एजेंसियां चेक करेंगी। जिसमें सबसे पहले हमारी इंटर्नल चेक करेगी। उसके बाद डीआरडीओ की शाखा एआरडीओ आगरा द्वारा चेक होगा और फिर अंतिम में इसरो टीम द्वारा पैराशूटस को चेक किया जाएगा। यहां 14 पैराशूट सेट बना रहे हैं, हर सेट में 8 पैराशूट होते हैं और यह सभी फिरोजाबाद में ही बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी पैराशूट अगले 3 महीने में बनाकर इसरो को दे दिए जाएंगे। इन पैराशूटस को स्पेस रीएंट्री पैराशूट के नाम से जाना जाता है। यह इंडिया में पहली बार बन रहे हैं। निदेशक ने बताया कि अंतरिक्ष से जो कैप्सूल नीचे आता है वह हाई स्पीड से आता है, जिसके घर्षण के कारण उसमें हीट जनरेट होती है। इसके लिए इन पैराशूटस में हीट रेजिस्टेंट नायलॉन 66 फेब्रिक का इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा इन पैराशूटस में स्पेशल टेप्स भी प्रयोग किए गए हैं। जिनके कारण हम अंतरिक्ष यात्रियों को पूरी तरह सुरक्षित धरती पर उतार पाएंगे। अधिकारी ने कहा कि इस तरह के हाई टेक्नोलॉजी वाले पैराशूट पहली बार भारत में बनाए जा रहे हैं।  अभी तक यह तकनीक केवल नासा, अमेरिका और चीन के पास थी। लेकिन अब भारत भी उनकी बराबरी कर सकेगा।

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