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भारत ने चार पाकिस्तानी कैदियों को किया रिहा, अटारी-वाघा सीमा के रास्ते हुई वतन वापसी

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अमृतसर (पंजाब) । पाकिस्तान के सिंध प्रांत के नगर पार्क निवासी खुदाबाई (70) साल 2015 में पाकिस्तान से भारत के गुजरात के पायल पहुंचा तो उसे वहां गिरफ्तार कर लिया गया। गुजरात पुलिस ने उसके खिलाफ गैर कानूनी रूप से भारत में घुसने के आरोप में केस दर्ज किया और छह साल की सजा सुनाई गई थी।
भारत सरकार ने बुधवार को चार पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा किया है। इनमें से दो कैदियों को सजा पूरी होने के बाद अमृतसर की केंद्रीय जेल से जबकि एक कैदी को जयपुर (राजस्थान) जेल से और एक पाकिस्तानी कैदी को गुजरात पुलिस लेकर ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पहुंची। इन पाक कैदियों का इमीग्रेशन और कस्टम में जांच करने के बाद जेसीपी जीरो लाइन पर लाया गया, जहां बीएसएफ अधिकारियों ने इन्हें पाकिस्तान रेंजर्स को सुपुर्द कर दिया।
एसएसपी (देहात) स्वर्णदीप सिंह के दिशानिर्देश पर अटारी पर तैनात प्रोटोकाल अधिकारी अरुण पाल माहल सुरक्षा के बीच इन्हें जीरो लाइन अटारी तक लेकर पहुंचे। रिहा पाकिस्तानी कैदियों में ओकारा जिला का अली हसन (19) पुत्र मोहम्मद हसन भी शामिल है। अली हसन साल 2019 में घंरिडां थानाक्षेत्र में पाकिस्तानी सीमा लांघ कर भारतीय क्षेत्र में आ गया था, जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
अली को हुई थी दो साल और आठ माह की सजा
अदालत ने अली को गैर कानूनी तौर पर भारत में घुसने के आरोपों में दो साल और आठ महीने की सजा सुनाई। वहीं सियालकोट जिला का मोहम्मद नवाज (38) भी इसी दौरान डेरा बाबा नानक सीमा से भारत में घुसा तो उसे बीएसएफ ने पकड़ लिया। अदालत ने इसे तीन साल की सजा सुनाई थी। वहीं लाहौर के टांटा खुर्द थानांतर्गत अफजल पार्क निवासी कारोबारी शाह नवाज (70) साल 2005 में वीजे पर भारत आया था।
उसके पास दिल्ली का वीजा था और वह इस दौरान जयपुर चला गया। जयपुर पुलिस ने पाकिस्तान के इस कारोबारी के खिलाफ केस दर्जकर गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने उसे सजा सुनाई और तीन साल जयपुर की जेल में रहा जबकि 12 साल उसने जोधपुर की जेल में बिताए। इस तरह शाह नवाज की रिहाई 15 साल के बाद हुई है।
खुदाबाई को मिली थी छह साल की सजा
इसी तरह पाकिस्तान के सिंध प्रांत के नगर पार्क निवासी खुदाबाई (70) साल 2015 में पाकिस्तान से भारत के गुजरात के पायल पहुंचा तो उसे वहां गिरफ्तार कर लिया गया। गुजरात पुलिस ने उसके खिलाफ गैर कानूनी रूप से भारत में घुसने के आरोप में केस दर्ज किया और छह साल की सजा सुनाई गई थी। सभी कैदियों की सजा पूरी होने के बाद भारत सरकार ने आज इन्हें रिहा कर दिया।
क्या बोले अधिकारी
अटारी पर तैनात प्रोटॉकाल अधिकारी अरुण पाल माहल ने बताया कि अली हसन और मोहम्मद नवाज को अमृतसर केंद्रीय जेल पुलिस, शाह नवाज को राजस्थान की पुलिस और खुदाबाई को गुजरात की पुलिस बुधवार को अटारी-वाघा सीमा पर लेकर पहुंची। इनके दस्तावेजों की जांच के बाद जेसीपी अटारी पर इनका इमीग्रेशन किया गया और कस्टम चेक होने के बाद इन चारों पाकिस्तानी कैदियों को जीरो लाइन पर पाकिस्तान रेंजर्स को सौंप दिया गया।

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