
अनिल शर्मा
ठाकुरद्वारा l मुरादाबाद
श्रीमद् भागवत कथा के दौरान कथावाचक ने भगवान श्री राम जन्म से लेकर सीता स्वयंवर तक की कथा का वृत्तांत सुनाया । कथा का वृतांत सुन श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए ।
गांव दौलावाला के शिव मंदिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान उपनेस शास्त्री ने भगवान श्री राम जन्म की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि राजा दशरथ के कोई संतान न होने के कारण वह दुखी रहते थे रानी की सहमति से उन्होंने 2 बीघा और किए फिर भी संतान नहीं हुई । गुरु वशिष्ठ से उन्होंने सनतान न होने के कारण बताने का आग्रह किया इस पर गुरु वशिष्ट ने राजा जनक को समझाया कि धैर्य रखें । उनके बताए अनुसार यज्ञ का आयोजन किया गया । कहां की एक नहीं चार संताने होंगे । यज्ञ के बाद तीनों रानियों को प्रसाद स्वरूप खीर खिलाई गई । तीनों रानियां गर्भवती हुई तीनों के अलग-अलग संताने हुई । राम जन्म होते ही अयोध्या वासियों में खुशी की लहर दौड़ गई । बाद में पटरानी की वचनबद्धता के तहत भगवान श्रीराम को सबर से के लिए बनवास जाना पड़ा ।वनवास के दौरान ही राजा जनक की पुत्री सीता स्वयंवर में पहुंचने पर भगवान श्री राम के सीता का स्वयंवर रचा गया । भगवान राम जन्म से लेकर सीता स्वयंवर तक का बर्तन तो सुन श्रद्धालु झूम उठे | बाद में भगवान श्री राम के भजनों की प्रस्तुति सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो गए । कथा के दौरान शिव मंदिर के महंत जटाशंकर महाराज, कुन्नू महाराज, ज्योति देवी, सरोज देवी, कमला देवी ,नीलम देवी, कुमारी रेखा, सीमांगनी, बाबू सिंह, शिव चौहान, इंद्रेश कश्यप, मुकेश कुमार , आदि ने कार्यक्रम में भाग लिया l