ब्रह्मोस मिसाइल के बाद अब फिलिपींस लेना चाहता है एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर

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नई दिल्ली । फिलिपींस ने कुछ माह पहले ही भारत में निर्मित दुनिया की सबसे घातक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के लिए डील की थी। फिलिपींस ने तीन बैटरीज खरीदी थी। जिसकी लागत करीब 375 मिलियन डॉलर्स यानी करीब 3000 करोड़ रुपये है। लेकिन अब फिलिपींस हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा बने आधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर खरीदने की योजना बना रहा है।
फिलिपींस कितने एएलएच खरीदेगा, इसका खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन बताया जा रहा है कि फिलींपीस सात हेलिकॉप्टर का एक बैच वह लेगा ही। क्योंकि उसे अपने पुराने हेलिकॉप्टरों की फ्लीट को बदलना है। बहुत जल्द हल्के हेलिकॉप्टरों की डील को लेकर भारत और फिलिपींस आपस में समझौता कर सकते हैं।
आधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर सामान्य तौर पर यूटिलिटी हेलिकॉप्टर हैं। लेकिन इनका उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। जैसे कि वीआईपी मूवमेंट, आपदा एवं राहत कार्य, परिवहन, तत्काल फोर्स को तैनात करना, लॉजिस्टिक सपोर्ट, सर्च एंड रेस्क्यू, ट्रेनिंग या फिर हमला करना है। इन्हें हमला करने के लिए भी बदला जा सकता है। एएलएच का हमलावर वर्जन भी भारत ने तैयार कर रखा है। जैसी जरूरत वैसा एएलएच आपके सामने होगा।
आधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर के दो प्रकार भारतीय सेनाओं में शामिल हैं। पहला लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर और दूसरा लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (एलयूएच) है। यानी युद्ध और परिवहन दोनों ही स्थितियों के लिए एक ही हेलिकॉप्टर के दो अवतार भारतीय सेनाओं के पास मौजूद हैं।
ध्रुव हेलिकॉप्टर इसी आधुनिक हल्के हेलिकॉप्टर का नया रूप है। इसका उपयोग भारतीय सेनाएं कर ही रही हैं. इसके अलावा इजरायल ने एक हेलिकॉप्टर साल 2007 में लीज पर लिया था। मालदीव्स की नेशनल डिफेंस फोर्स इसका उपयोग कर रही है। मॉरिशस की सेना और पुलिस फोर्स इसका उपयोग कर रही है. नेपाल की आर्मी एयर सर्विस में भी यह हेलिकॉप्टर तैनात है।  
इंडियन एयरफोर्स के पास 107, इंडियन आर्मी के पास 191 और नेवी के पास 14 एचएएल ध्रुव हैं। नेवी ने 11 और आर्मी ने 73 हेलिकॉप्टर और ऑर्डर कर रखे हैं। इन ऑर्डर से ही पता चलता है कि ये कितने काम का हेलिकॉप्टर है। इसे दो पायलट उड़ाते हैं, इसमें 12 जवान बैठ सकते हैं।
एचएएल ध्रुव 52.1 फीट लंबा है। इसकी ऊंचाई 16.4 फीट है। इसकी अधिकतम गति 291 किमी प्रतिघंटा है। यह एक बार में 630 किमी तक उड़ान भर सकता है। अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसमें किसी तरह का हथियार फिलहाल नहीं लगाया गया है। लेकिन इसके ही प्लेटफॉर्म पर लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर बनाया गया है, जो हमलावर हेलिकॉप्टर है।
लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर वैरिएंट में 20 मिलिमीटर की एम 621 कैनन या नेस्टर टीएचएल-20 गन लगा सकते हैं। इसके अलावा इसमें चार हार्ड प्वाइंट्स हैं। जिसमें 4Û12 एफजेड 275 एलजीआर रॉकेट्स लगाए जा सकते हैं। या फिर 4Û2 हवा से हवा में मार करने वाली मिस्ट्रल या फिर 4Û4 एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ध्रवुस्त्र लगा सकते हैं।  
इस हेलिकॉप्टर पर बम भी फिट कर सकते हैं। इन बमों में शामिल हैं, क्लास्टर म्यूनिशन, अनगाइडेड बम या फिर ग्रैनेड लॉन्चर्स। इसका एवियोनिक्स सिस्टम इतना शानदार है कि दुश्मन के हर हमले की जानकारी पहले मिल जाती है। ताकि यह खुद को बचा सके। राडार और लेजर वार्निंग सिस्टम लगा है। मिसाइल वॉर्निंग सिस्टम लगा है। इसमें शैफ और फ्लेयर्स डिस्पेंसर्स लगे हैं।
भारतीय वायुसेना और थल सेना हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएलए) द्वारा बनाए गए नए लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (एलसीएच) का उपयोग कर रही हैं। अब तक 8 हेलिकॉप्टर बने हैं। 15 बनाने का ऑर्डर है। इसमें दो लोग बैठ सकते हैं। यह 51.10 फीट लंबा, 15.5 फीट ऊंचा है। पूरे साजो सामान के साथ इसका वजन 5800 किलोग्राम हता है। इसपर 700 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं। अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा है। 550 किलोमीटर रेंज हैं। लगातार 3 घंटे 10 मिनट की उड़ान भर सकता है। अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 20 मिमी की एक तोप लगी है।

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