शिकोहाबाद । बेटी के हाथ पीले करने और डोली में बैठाने से पहले पिता की अर्थी उठ गई। एक तरफ शादी की दावत चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ पिता अंतिम सांसें गिन रहे थे। जैसे ही बारात दरवाजे पर पहुंची, बीमार पिता ने अंतिम सांस ली। परिवार के साथ यह क्षण दु:ख और सुख दोनों समानांतर थे। परिजनों ने फिर भी दिल पक्का कर दुल्हन के लिवास में सजी बेटी को उसकी भनक तक नहीं पडऩे दी। बेटी को डोली में बिठाने के तुरंत बाद पिता की अर्थी का अंतिम संस्कार किया गया।
मामला नसीरपुर थाना क्षेत्र के गांव छैछापुर निवासी कोमल सिंह (63) का है। उनका परिवार नगर के मोहल्ला मेलावाला बाग में रहता है। उनकी बेटी नीलम की 22 फरवरी को खेड़ा मोहल्ला निवासी अतुल के साथ थी। दोनों परिवारों में हंसी खुशी का माहौल चल रहा था। गैस्ट हाउस में लड़की पक्ष की दावत चल रही थी। उधर वर पक्ष बारात लेकर गैस्ट हाउस तक पहुंच गया। जैसे ही बारात गैस्ट हाउस पर पहुंची, वैसे ही दुल्हन के पिता की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई। जानकारी होते ही लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। लेकिन बारातियों की आवभगत के लिए तैयार खाना खराब न हो, इस लिए उन्होंने दुल्हन के पिता की मौत का राज कुछ घंटों के लिए अपने दिल में दवा लिया। शादी समारोह सादगी पूर्वक संपन्न कराया। लेकिन परिजनों के हाव-भाव से बारातियों को भी अहसास हो गया कि कुछ अनहोनी हो गई है। दोनों ही परिवारों में खुश के क्षण गम में बदल गये। बेटी को बिदा करने के बाद परिवारीजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया।
–