काशीपुर। जिला उपभोक्ता आयोग, उधम सिंह नगर ने 50 लाख रूपये, इस पर ब्याज तथा वाद व्यय उपभोक्ता को भुगतान करने का आदेश बीमा कम्पनी दिया है।
काशीपुर निवासी सितारा बेगम की ओर से अधिवक्ता नदीम उद्दीन द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग, उधमसिंह नगर मेें परिवाद दायर करके कहा गया था कि उसके पति शकील अहमद ने आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस कं. लि. के अधिकारियों द्वारा बतायी गयी विशेषताओं पर विश्वास करके 7357 रू. के प्रीमियम का भुगतान करके एक जीवन बीमा पॉलिसी करायी। जिसमें बीमित धनराशि 50 लाख रू. स्वीकार की गयी थी। परिवादिनी को इस पॉलिसी में नामित बनाया गया था। 29 अक्टूबर 2019 को परिवादिनी के पति की अचानक मृत्यु हो गयी। जिसके उपरान्त परिवादिनी ने बीमा धनराशि प्राप्त करने के लिये बीमा कम्पनी में दावा किया। कई बार बीमा कम्पनी के अधिकारियों व एजेन्ट से सम्पर्क करने के बाद भी बीमा क्लेम का भुगतान नहीं किया और न ही कोई लिखित सूचना ही परिवादिनी को दी। परिवादिनी के मोबाइल नम्बर पर 24 अप्रैल 2020 को मैसेज आया उसका क्लेम निरस्त कर दिया गया है और निर्णय पत्र इंटरनैट लिंक पर उपलब्ध हैै। परिवादिनी ने लिंक पर दिखवाया तो पत्र नहीं मिला। इसके लिये भी कई चक्कर लगाने पर इस पत्र की प्रति 04 जून 2020 को उसके व्हाट्स एप नम्बर पर उपलब्ध करायी गयी। इस पत्र में बीमा कम्पनी ने यह झूठा व अवैैध आरोप लगाते हुये बीमा क्लेम देने से इंकार कर दिया कि परिवादिनी के पति ने अपने बीमा प्रस्ताव में अपनी बीमारी के सम्बन्ध में नहीं बताये थे और वह 2017 से कोरोनरी आर्टरी डिसीज ;सीएडीद्ध से पीड़ित थे जबकि वास्तविकता में न तो परिवादिनी के पति किसी बीमारी से पीड़ित थे और न ही उन्होेंने अपनी बीमारी के सम्बन्ध में गलत तथ्य ही र्प्रस्ताव में दिये थे। बीमा कम्पनी ने बीमा क्लेम देने से इंकार करके व परिवादिनी के पति पर झूठा आरोप लगाकर उपभोक्ता सेवा में कमी की है व अनुचित व्यापारिक व्यवहार किया है जिससे परिवादिनी तथा उसके परिवार को गहरा मानसिक आघात पहुंचा हैै व आर्थिक नुकसान हुआ हैै जिसके लिये बीमा कम्पनी व उसके अधिकारी जिम्मेदार है। परिवादिनी ने अपने अधिवक्ता नदीम उद्दीन के माध्यम से समस्त तथ्यों का उल्लेख करते हुये एक कानूनी नोटिस भी भिजवाया जिसका बीमा कम्पनी व अधिकारियों ने न तो जवाब दिया और न ही बीमा क्लेम का ही भुगतान किया।