रूद्रपुर। जिलाधिकारी श्रीमति रंजना राजगुरू की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में बालगणना स्टीयरिंग कमेटी की आवश्यक बैठक आहूत की गयी। जिलाधिकरी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्या को निर्देष दिये कि बालगणना हेतु घर-घर सर्वेक्षण के दौरान भरे गये प्रपत्रों/आॅकडों का मिलान गत वर्ष के आंकड़ों के साथ आवश्यक रूप से करें। उन्होने कहा कि जिस वार्ड/बस्ती में बालगणना हो रही है उस क्षेत्र में अस्थायी निवास करने वाले यथा कूड़ा बीनने वाले, अनााथ, मलिन बस्तियों मे रहने वाले एवं श्रमिक परिवारों के बच्चों को शामिल करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि बालगणना के संकलन में विद्यालयों के शिक्षकों के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी सम्मिलित करें। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपदों में स्थित वनगुर्जर क्षेत्र के बच्चों की बालगणना अनिवार्य रूप से की जाये इसके लिए सम्बन्धित अधिकारी वन क्षेत्र के भीतर स्थित डेरों/बस्तियों की बालगणना हेतु सभी विकास खण्ड विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। उन्होने कहा कि विद्यालयी षिक्षा से वंचित बच्चों की संख्या नगर क्षेत्रों में अधिक होती है, इस हेतु नगर क्षेत्रों की घनी आबादी को सेक्टरों में बांटा जाय व सेक्टर के अन्तर्गत घर-घर सर्वेक्षणध्बालगणना प्रपत्रों की भरवाने हेतु उप शिक्षा अधिकारी द्वारा राप्राविउप्रावि के प्रधानाध्यापक सेक्टर नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किये जाये। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बालगणना हेेतु घर-घर जाकर सर्वे करने के दौरान लोगों को वैक्सीनेशन के लिए भी जागरूक करें। उन्होने कहा कि शिक्षा विभाग एनएसएस, एनसीसी के वाॅलिन्टियर के माध्यम से वैक्सीनेशन को बढ़ाये। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने स्तर से माॅनिटरिंग करें यदि किसी भी स्तर पर किसी प्रकार की कोई आवश्यकता हो तो तत्काल अवगत करायें ताकि कार्य में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न आये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगांई, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्या, जिला शिक्षा अधिकारी एके सिंह, सहायक श्रमायुक्त प्रशान्त कुमार, खण्ड शिक्षा अधिकारी मातादीन गौतम, अनिल कुमार, एच प्रसाद, उप शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी, सुषमा गौरव, प्रेमा बिष्ट, सोनी महरा, गुजंन अमरोही, रवि मेहता के साथ विभिन्न संस्थाओ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।