हरदा। मप्र के बड़े इलाके में बारिश कहर ढा रही है। नदी -नाले उफान पर हैं। कई शहरों का गांव से सड़क संपर्क टूट गया है। जन जीवन अस्त व्यस्त है। रास्ते बंद हैं और लोग परेशान हैं। लेकिन जो गर्भवती हैं और उनकी डिलीवरी होना है, उनकी स्थिति गंभीर है। हरदा से एक ऐसा ही रोंगटे खड़े कर देने वाला वीडियो सामने आया है जिसमें 9 माह की गर्भवती महिला को टायर ट्यूब पर बैठाकर उफनती नदी पार करायी गयी। नदी पार कर महिला जैसे तैसे अस्पताल पहुंची और वहां पहुंचते ही उसकी डिलीवरी हो गयी।
हरदा जिले में कुछ दिन पहले तक राहत लगने वाली बारिश अब परेशानी और आफत का सबब बनती जा रही है। बीते 24 घंटे से जारी बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में बुरे हाल हो गए हैं। आलम यह है की सड़कें पुल सब पानी में डूब गए हैं। आफत की बारिश में आम जन की मजबूरी की एक तस्वीर हरदा जिले के गांव में पक्की सड़क और रपटा पुल बारिश में डूब जाने के कारण गर्भवती महिला को अस्पताल जाने के लिए ट्यूब के सहारे नदी पार करवाना पड़ी। महिला को दूसरे किनारे पर खड़ी एम्बुलेंस से अस्पताल लाया गया। अस्पताल पहुंचते ही महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया।
ये वाकया हरदा जिला मुख्यालय से करीब 10 किमी ग्राम कुकरावद का है। बारिश के कारण मटकुल नदी उफान पर थी। गांव की पक्की सड़क और नदी पर बना रपटा दोनों डूब गए थे। न तो गांव में कोई आ सकता और ना ही बाहर जा सकता था। इसी गांव में रहने वाले एक किसान की पत्नी राजवंती खोरे 9 माह की गर्भवती थी। बाढ़ के ऐसे हालात के बीच राजन्ती को लेबर पेन शुरू हो गए। सामने बड़ा संकट था अस्पताल पहुंचें तो कैसे। सड़क रपटा सब बाढ़ में डूबे हुए थे। महिला और बच्चे दोनों की जान खतरे में थी।
ऐसे कठिन हालात में घरवालों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को खबर दी। उसने एम्बुलेंस को फोन किया। कुछ ही मिनटों में एम्बुलेंस भी पहुंच गयी। लेकिन गांव तक जाने के लिए उफान पर बह रही मटकुल नदी पार करना मुश्किल था। ऐसे विपरीत समय में जच्चा और बच्चा दोनों के जीवन को बचाने की चुनौती थी। तब गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और घर परिवार गांव के लोग राजवंती की मदद के लिए आगे आए। सबने मिलकर उसे चार पहिया वाहन के टायर ट्यूब पर बैठाया। नदी पार करना बहुत कठिन था। सबके सामने इधर कुआं-उधर खाई थी। राजवंती को ट्यूब पर बैठाया और साथ में व्यक्ति ने अपनी जान जोखिम में डालकर उसे नदी पार करायी। जोखिम भरे काम में महिला और बच्चे की जान को खतरा था पर ग्रामीणों की सतर्कता से दोनों ही सुरक्षित अस्पताल पहुंच गए। अस्पताल पहुंचते ही राजवंती की डिलीवरी हो गयी। उसने एक बेटे को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।