रुद्रप्रयाग। उत्तराखण्ड राज्य के रुद्रप्रयाग जिलें के मुख्यालय स्थित अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी के संगम स्थल पर दिल्ली की एक पर्यटक का पैर फिसल गया और वह नदी की तेज धारा में बहने लगी। इस बीच संस्कृत महाविद्यालय में पढऩे वाले तीन छात्रों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए नदी में छलांग लगाते हुए पर्यटक को सकुशल नदी से बचा लिया। युवकों की इस बहादुरी पर व्यापार संघ रुद्रप्रयाग ने तीनों युवकों का सम्मान किया है। शनिवार सुबह 10 बजे के आस पास दिल्ली के कुछ पर्यटक संगम स्थल पर घूमने आए थे। इस बीच नारद शिला के निकट एक किशोरी का पैर फिसल गया और वह देखते ही देखते नदी की तेज धारा में बहने लगी। किशोरी अलकनंदा नदी की तेज धारा में कुछ आगे तक बह के भी गयी। इस बीच संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग में पढऩे वाले भूपेंद्र बहुगुणा, प्रदीप सेमवाल और शुभम देवली ने अपनी जान की प्रवाह किये बगैर किशोरी की जान बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। युवकों की कड़ी मेहनत के बाद किशोरी की जान बच पाई। युवकों की बहादुरी पर व्यापार संघ ने उनका सम्मान किया है। व्यापार संघ अध्यक्ष चंद्रमोहन सेमवाल ने कहा कि तीनों युवकों ने युवती की जान बचाकर बहादुरी का कार्य किया है। किशोरी अगर कुछ दूर तक और बहती तो बचना मुश्किल हो जाता, लेकिन युवकों ने बहादुरी दिखाते हुए उसकी जान बचाई है। उन्होंने कहा कि युवकों को उचित सम्मान मिलना चाहिए। इस मौके पर सभासद सुरेंद्र सिंह रावत, व्यापारी हरि सिंह बिष्ट सहित अन्य मौजूद थे।