
पिथौरागढ़। बर्फबारी और बारिश से जिले में कई सड़क मार्ग बंद हो गए हैं। आवाजाही पूरी तरह ठप है। लोग पैदल ही आवागमन कर रहे हैं। सड़क बंद होने से कई वाहन फंसे हैं। देश के विभिन्न स्थानों पर्यटकों ने सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। बर्फबारी के कारण वाहनों का चलना तो दूर लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।बर्फबारी से थल.मुनस्यारी मार्ग क्वीटी से आगे बंद है। धारचूूला.पांगला मार्ग भी भारी बर्फबारी के कारण अवरुद्ध है। पिथौरागढ़.चंडाक मार्ग रात में सुचारु कर दिया गया था लेकिन मार्ग दोपहिया वाहन चालकों के लिए खतरनाक बना हुआ है।पिथौरागढ़.बड़ाबे सड़क मार्ग पत्थरखानी के पास पिछले 12 घंटे से अधिक समय से बंद है। क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप है। मुनस्यारी में एक फुट बर्फबारी के बाद रास्ते बर्फ से पट गए हैं।बर्फबारी और मलबा आने से पिथौरागढ़ घाट एनएच सुबह बंद रहा। नौ बजे मलबा हटाने के बाद यातायात सुचारु हो सका। सुबह के समय बड़ाबे सड़क में भी वाहनों का संचालन नहीं हो सका। पिथौरागढ़.धारचूला रूट में नैनीपातल और सतगढ़ के पास भारी बर्फबारी के कारण वाहनों के संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।टनकपुर.पिथौरागढ़ एनएच आठ घंटे बंद रहा
चंपावत। टनकपुर.पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार को सात घंटे बंद रहा। स्वांला के पास मलबा आने से दिन में दो बार आवाजाही बाधित हुई। मशक्कत के बाद मार्ग को सुचारु किया जा सका। हालांकि अधिकतर वाहनों को टनकपुर और चंपावत की ओर रोक दिया गया थाए इसके बावजूद कुछ वाहन फंसे रहे। फंसे वाहनों के यात्रियों को ठंड से भी जूझना पड़ा।
बृहस्पतिवार रात करीब 10 बजे नगर से 22 किमी दूर स्वांला के पास मलबा आने से आवाजाही ठप हो गई। करीब आठ बजे बाद आवाजाही सुचारु हुई लेकिन इसके बाद भी पहाड़ी की ओर से पत्थर गिरते रहे। इससे जोखिम के बीच आवाजाही जारी रही। बाद में दोबारा सड़क बंद हो गई। जिसे डेढ़ बजे खोला जा सका। वहीं 12 ग्रामीण सड़कें भी बंद हैं। लोनिवि के अधिकारियों का कहना है कि इन सड़कों को खोलने के लिए मशीनें भेजी गई हैं। बर्फबारी से बंद हैं ये 12 ग्रामीण सड़कें चंपावत.मंच.तामली, चंपावत.खेतीखान, पुनाबे.सिप्टी.न्याड़ी, बिरगुल सड़क, वालिक.पंचेश्वर, ताराकोट.सिमलखेत.भनोली, चमदेवल.गजीना, लोहाघाट.मायावती, लमताल.भैसर्ख, मरोड़ाखान.रेगड़ू, एबटमाउंट.लोहाघाट, लोहाघाट.चौमेल सड़क।