प्रेम केवल शब्दों में ही सीमित न रहे उसे अपने जीवन एवं व्यवहार में शामिल करें: माता सुदीक्षा जी महाराज

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काशीपुर। निरंकार को साक्षी मानते हुए सभी के प्रति प्रेम का भाव अपनाएं। प्रेम केवल शब्दों में ही सीमित न रहे उसे अपने जीवन एवं व्यवहार में शामिल करें। यदि हमें प्रेम और सम्मान के विपरीत प्रेम एवं सम्मान नहीं मिल रहा है तब भी अपने हृदय को और अधिक विशाल बनाकर सब के प्रति प्रेम का भाव ही अपनाना है। यह उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा नव वर्ष के संदेश रूप में वर्चुअल माध्यम द्वारा विशेष सत्संग समारोह में व्यक्त किए गए। उन्होंने कहा कि हमें प्रतिपल मिलकर प्रभु को हृदय में बसाते हुए अपने हृदय को इतना अधिक पवित्र बनाना है कि उससे केवल प्रेम ही उत्पन्न हो और वह वैर, ईष्या, निंदा, द्वेष का कोई स्थान ही न रहे। सतगुरु माता जी ने निरंकारी भक्तों से आह्वान किया कि वह निरंकार प्रभु का आशीर्वाद लेते हुए हृदय में परोपकार का भाव अपनाएं और मर्यादा पूर्वक जीवन जीते हुए समस्त मानव जाति को प्रेम बांटते चले जाएं। उक्त जानकारी स्थानीय काशीपुर निरंकारी मीडिया प्रभारी प्रकाश खेड़ा ने दी।

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