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प्रसव के दौरान ऑपरेशन रूम में बेहोशी का इंजेक्शन लगाने पर जच्चा-बच्चा की मौत

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परिजनों द्वारा हंगामा बढ़ता देख प्राइवेट अस्पताल का स्टाफ फरार

दूसरे प्राइवेट अस्पताल में 1 दिन पूर्व भी हो चुकी है है महिला की मौत

स्वास्थ्य विभाग बना लापरवाह

अनिल शर्मा

ठाकुरद्वारा ( मुरादाबाद )
प्रसव के दौरान ऑपरेशन और रूम में बेहोशी का इंजेक्शन लगाने के बाद महिला की हालत बिगड़ गई और कुछ देर बाद ही जच्चा बच्चा की मौत हो गई । मौत की सूचना मिलते ही मृतक महिला के परिजनों की भीड़ जुटने लगी । परिजनों द्वारा हंगामा होता देख चिकित्सक ब स्टाफ फरार हो गया । सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत किया । मृतका के पति जितेंद्र सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्यवाही की मांग की ।
कोतवाली के गांव रामनगर खागूवाला निवासी जितेंद्र कुमार ने अपनी पत्नी 27 वर्षीय राखी देवी को प्रथम बार प्रसव पीड़ा होने पर स्योह्ररा रोड स्थित नदी किनारे बने प्राइवेट अस्पताल में शुक्रवार की रात 8:00 बजे भर्ती कराया था । अस्पताल में मौजूद महिला चिकित्सक ने भरोसा दिलाया था कि उसकी डिलीवरी नॉरमल कराई जाएगी । डिलीवरी नॉरमल ना होने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन करने की बात कही । पति का कहना है कि वह ऑपरेशन रूम में ले जाकर उसकी पत्नी के बेहोशी का इंजेक्शन लगाया इसी दौरान उसकी हालत बिगड़ती चली गई । करीब रात्रि 3:00 बजे जच्चा-बच्चा की मौत हो गई । मौके पर परिजनों ने अपने घर टेलीफोन कर रेखा देवी और उसके बच्चे की मौत की जानकारी दी तो वहां पर भीड़ एकत्र होने लगी । परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया हंगामा बढ़ता देख डॉ व अन्य स्टाफ अस्पताल को खुला छोड़ मौके से फरार हो गए । सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी । घंटो तक हंगामा चलता रहा किसी तरह पुलिस ने समझा-बुझाकर मामला शांत किया I बाद में दोपहर बाद कुछ लोगों ने दोनों पक्षों का समझौता कराकर मामले को रफा-दफा कर दिया । जिस पर परिजन बिना किसी कानूनी कार्यवाही के मृतका के शव को अपने घर ले गए ।

बताते चलें कि 2 दिन पूर्व भी रतूपुरा मोड़ पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में रामनगर खागूवाला निवासी राशिद ने अपनी पत्नी सहनाज को बुधवार की सवेरे प्रसव पीड़ा होने पर रतूपुरा रोड स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था । ऑपरेशन के द्वारा उसने पुत्र को जन्म दिया था लेकिन पुत्र के जन्म के बाद ही शहनाज की हालत बिगड़ती चली गई । आरोप है कि चिकित्सक का ऑपरेशन करने के बाद पूरा मामला कंपाउंडर पर अन्य स्टाफ के ऊपर छोड़कर उत्तराखंड काशीपुर अपने आवास पर चला गया था । आरोप है कि कई बार स्टाफ से हालत खराब होने की बात कही कही लेकिन किसी ने एक न सुनी बाद में स्टाफ ने शहनाज के पास से सभी परिजनों को हटा दिया रात्रि 11:00 बजे जो हालत अधिक अत्यधिक खराब हुई तो वहां पर मौजूद स्थापना काशीपुर ले जाने की सलाह दी । इसी दौरान शहनाज ने अस्पताल में दम तोड़ दिया । मौत की सूचना पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया वहां पर मौजूद स्टाफ हंगामा दे फरार हो गया । परिजनों ने अस्पताल कि चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शहनाज की मौत का कारण बताया । अस्पताल के डॉक्टर ने मौके पर पहुंचकर गलती माफ करने की गुहार लगाई । तब कहीं जाकर मामला शांत हुआ । बताते चलें कि ठाकुरद्वारा और डिलारी में कुकरमुत्तो की तरह प्राइवेट अस्पताल दिन प्रतिदिन खुलते जा रहे हैं जिनके पास कोई मानक भी नहीं है । कई बार स्वास्थ्य विभाग को शिकायत की गई लेकिन उच्च अधिकारियों ने खानापूर्ति कर शिकायतों को ठंडे बस्ते में डालकर गुम कर दिया । प्राइवेट अस्पतालों में चल रही जच्चा-बच्चा की मौत के लेकर क्षेत्र के लोगों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति रोष व्याप्त है ।

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