प्यार मोहब्बत में जोड़े ने दो बार की शादी फिर तलाक भी दो बार लिया

Spread the love



नई दिल्ली । बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक पारसी जोड़े को आपसी सहमति के चलते दूसरी बार तलाक दिया, क्योंकि दोनों ने एक दूसरे से दो बार शादी की थी। मिली जानकारी के अनुसार, साल 2004 में दोनों सितंबर माह में शादी और दिसंबर महीने में पारसी रीति रिवाज से शादी की थी। साल 2018 में आपसी मनमुटाव के बाद दोनों अलग रह रहे थे। जानिए क्या है दो शादी और दो तलाक का प्रकरण। सितंबर 2004 में पारसी जोड़ा शादी के बंधन में बंधे और इसे विशेष विवाह अधिनियम 1954 एक धर्मनिरपेक्ष अधिनियम के प्रावधानों के तहत पंजीकृत कराया। परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के आग्रह पर 21 दिसंबर 2004 को उन्होंने पारसी रीति-रिवाजों और रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की और इस बार शादी को पारसी विवाह और तलाक अधिनियम 1936 के तहत पंजीकृत कराया। शादी के कुछ साल बाद किन्हीं मुद्दों पर दोनों के बीच झगड़े हुए और मार्च 2018 से दोनों अलग रहने लगे। परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों द्वारा दोनों को मनाने की कई कोशिशें की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले साल दोनों जोड़े ने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत अपनी शादी को पंजीकृत कराने के लिए आपसी सहमति से तलाक के लिए ठाणे परिवार अदालत में संयुक्त याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। 6 जनवरी 2022 को ठाणे फैमिली कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और उनकी शादी को भंग कर दिया। इसके बाद जोड़े ने आपसी सहमति से दूसरे तलाक के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया। जहां न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की एकल पीठ ने शुक्रवार को उनकी संयुक्त याचिका को यह देखते हुए स्वीकार कर लिया कि विवाद दो अलग-अलग अधिनियम के तहत हुआ था, जबकि ठाणे की अदालत द्वारा दिया गया तलाक पहली शादी का थी, पारसी रीति-रिवाजों वाला नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

hello