मोतिहारी। बिहार में पुलिस ने एक दफनाये गए शव को महज 72 घंटे बाद ही फिर से खुदवा कर निकलवाया है। दरअसल जिस शख्स की मौत हुई थी उसके पिता ने अपनी बहू और बहू की मां यानी मृतकी की सास पर हत्या करने का आरोप लगाया, जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्र से निकालने की कार्रवाई की। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में शव को ग्रामीणों के सहयोग से निकाला गया।
घटना पूर्वी चम्पारण जिला के कल्याणपुर थाना क्षेत्र की है। सिसवा सोब गांव के युवक इरशाद आलम उर्फ बबलू शादी के बाद अपने ससुराल सिसवा सोब में ही रहता था। सउदी अरब से रुपये कमाने के बाद वह चेन्नई में काम करता था, जहां तबीयत बिगड़ने के बाद सिसवा सोब गांव में अपने ससुराल में परिवार के साथ रहता था। उसकी मौत 13 सितंबर को करीब दिन के 2 बजे हुई थी। मौत के बाद परिजनों ने दिन में ही उसके शव को दफना दिया।
शव को दफनाने में मृतक बब्लू का पिता और परिवार के लोग भी शामिल हुए लेकिन घटना के 3 दिनों के बाद पिता शेख मेराजुल हक ने कल्याणपुर थाना में बब्लू की हत्या करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी। दर्ज प्रथमिकी में उन्होंने अपनी बहू बब्लू की पत्नी सजदा खातून, सास खलीकन नेशा और एक अज्ञात व्यक्ति को हत्या करने का आरोप लगाया। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर शव को कब्र से निकाला है, साथ ही आरोपी मृतक की पत्नी और सास को गिरफ्तार किया है। मृतक को पांच बच्चे है और सभी नाबालिग हैं।
मृतक के पिता शेख मेराजुल हक ने बताया कि शव को दफनाते समय देखा कि मृतक बब्लू के गले पर निशान थे और खून भी निकल रहा था। उस समय तो शव को दफना दिया गया, लेकिन जख्म की पुष्टि नहीं हो सकी जिसके कारण हत्या की शंका होने लगी। इसी कारण थाना में प्राथमिकी दर्ज कराकर शव को निकलवाया गया है। पोस्टमार्टम के रिपोर्ट के बाद ही हत्या का खुलासा हो सकेगा। पुलिस हिरासत में मृतक की सास खलीकन नेशा ने बताया कि उसे बेटा नहीं है और बब्लू को बेटा की तरह घर का मालिक बनाया था, जिसकी कमाई से पूरा परिवार चलता था। चेन्नई में बीमार होने के बाद घर आया, लेकिन यहां भी इलाज नहीं कराया, जिससे उसकी मौत हो गयी है। संदिग्ध मौत के बाद पुलिस ने पांच नाबालिग बच्चों की मां और नानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और मामले की तह तक जाने की कोशिश में लगी है।