काशीपुर।उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड के सहयोग से पशुपालन विभाग द्वारा खोखरा देवी मंदिर प्रांगण धीमर खेडा,महुआखेडागंज में पशु बलि निवारण हेतु जनचेतना गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में खोखरदेवी मंदिर के मठाधीशवर पंडित सुशील गोस्वामी द्वारा सहभाग किया गया साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में धीमर खेड़ा के प्रधान राजवीर सिंह द्वारा भी सहभाग किया गया ।गौ सेवा संघ काशीपुर के विष्णु गोस्वामी एवं नगर के विभिन्न गौ सेवकों द्वारा प्रतिभाग किया गया साथ ही अन्य पशु प्रेमियों के साथ साथ क्षेत्र की जनता द्वारा सहभाग किया गया गोष्ठी का संचालन डा. जी सी मैन्दोलिया द्वारा किया गया उक्त गोष्ठी में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. जी एस धामी, डा. राजीव कुमार, डा मुकेश कुमार दुमका, डा.अंकित कुमार, राकेश मधवाल, पुनीत शर्मा, प्रदीप बिष्ट, जगदीश चंद्र एवं ब्लाॅक के समस्त पैरावेट्स सहित कई लोगों द्वारा प्रतिभाग किया गया।डॉक्टर मुकेश कुमार दुमका द्वारा पशुबलि के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की गई। डा धामी ने बताया कि वेदों में पशुबलि को अनुचित बताया गया है।भारत के मध्य कालीन युग में वेदों की गलत अनुवाद किया गया जिससे पशु बलि को बढ़ावा मिला।मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा धामी ने जनपद में पशु बलि के रोक हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रमों तथा उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की भूमिका पर विस्तार से जानकारी देते हुए बेजुबान जानवरो के सार्वजनिक बलि नं किए जाने का आग्रह किया। मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि वर्ष 2013 से हाई कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर प्रांगण में कोई बलि नहीं हुई। नायब तहसीलदार काशीपुर ने कहा कि प्रशासनिक सहयोग हमेशा बनाई रही जाएगी। इस अवसर पर समाज सेवी, विश्व हिन्दू परिषद, गौसेवा समिति सदस्य, मंदिर के सदस्य गण सहित दर्जनों जागरूक लोगों ने प्रतिभाग किया। अंत में डा अंकित ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।